
नौशेरा की लड़ाई
Battle of Nowshera
(1823 Sikh–Afghan battle)
Summary
नौशेरा की लड़ाई: एक विस्तृत विवरण
नौशेरा की लड़ाई (पश्तो: د نوښار جګړه; पंजाबी: نوشہرہ دی لڑائی) मार्च 1823 में नौशेरा में लड़ी गई थी। इस लड़ाई में एक तरफ यूसुफजाई अफ़ग़ान थे, जिन्हें पेशावर के सरदारों और अज़ीम खान बरकज़ई (पेशावर के अफ़ग़ान गवर्नर) का समर्थन प्राप्त था, और दूसरी तरफ महाराजा रणजीत सिंह की नेतृत्व में सिख सेना थी।
अज़ीम खान दोस्त मोहम्मद खान (क़ाबुल और बाद में अफ़ग़ानिस्तान के शासक) के सौतेले भाई थे।
लड़ाई का परिणाम: इस लड़ाई में सिख सेना विजयी रही और अज़ीम खान की सेना को परास्त किया। इस जीत ने सिखों को पेशावर घाटी पर कब्ज़ा करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाने में मदद की।
लड़ाई के बाद: सिखों ने अफ़ग़ान शाही दरबार और पेशावर के बाला हिसार किले को ध्वस्त कर दिया। हालांकि, जल्द ही हरि सिंह नलवा ने किले के पुनर्निर्माण का काम शुरू कर दिया।
अतिरिक्त विवरण:
- यह लड़ाई पेशावर घाटी के नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण संघर्ष थी, जो सिख साम्राज्य के लिए महत्वपूर्ण सामरिक महत्व रखता था।
- सिख सेना की जीत ने महाराजा रणजीत सिंह की सत्ता को और मजबूत किया और पेशावर घाटी में सिखों की उपस्थिति को स्थापित किया।
- यह लड़ाई अफ़ग़ानिस्तान और सिख साम्राज्य के बीच चल रहे संघर्ष का एक हिस्सा थी, जो सिखों की विजय के साथ समाप्त हुआ।
निष्कर्ष:
नौशेरा की लड़ाई पेशावर घाटी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी। इस लड़ाई ने सिख साम्राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पेशावर घाटी को सिखों के नियंत्रण में लाने का मार्ग प्रशस्त किया।