Jind_Kaur

जिंद कौर

Jind Kaur

(2nd Maharani of the Sikh Empire)

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महारानी जिंद कौर: पंजाब की शक्तिशाली रानी

महारानी जिंद कौर, जिन्हें रानी जिंदन के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म लगभग 1817 में हुआ था। वे सिख साम्राज्य के पहले महाराजा, रणजीत सिंह की सबसे छोटी पत्नी थीं और अंतिम महाराजा, दलीप सिंह की माँ थीं।

सिख साम्राज्य की शासक:

1843 में, रणजीत सिंह के तीन उत्तराधिकारियों की हत्या के बाद, उनके 5 वर्षीय पुत्र दलीप सिंह सिख साम्राज्य के सिंहासन पर बैठे। इस अवधि में, महारानी जिंद कौर अपने बेटे की तरफ से सिख साम्राज्य की रीजेंट (अभिभावक शासक) बनीं।

ब्रिटिशों के साथ संघर्ष:

महारानी जिंद कौर अपनी सुंदरता, ऊर्जा और दृढ़ता के लिए प्रसिद्ध थीं। वे ब्रिटिशों के लिए एक बड़ा खतरा थीं, जो उन्हें "पंजाब की मेसालिना" के रूप में वर्णित करते थे।

1846 में, पहले एंग्लो-सिख युद्ध के बाद, महारानी जिंद कौर को रीजेंसी परिषद द्वारा प्रतिस्थापित किया गया, जो ब्रिटिश निवासियों के नियंत्रण में थी। हालाँकि, उनकी शक्ति और प्रभाव कम नहीं हुए, जिसके कारण ब्रिटिशों ने उन्हें कैद करके निर्वासित कर दिया।

दलीप सिंह के साथ पुनर्मिलन:

13 साल बाद, 1861 में, दलीप सिंह को अपनी माँ से कलकत्ता में मिलने की अनुमति मिली। उन्होंने अपनी माँ को अपने साथ इंग्लैंड ले जाया, जहाँ वे 1 अगस्त, 1863 को 46 वर्ष की आयु में अपनी मृत्यु तक रहीं।

अंतिम विराम:

महारानी जिंद कौर को लंदन के केंसल ग्रीन कब्रिस्तान में दफनाया गया था। एक वर्ष बाद, उनकी राख को मुंबई के पास नाशिक में जला दिया गया। अंततः, उनकी राख को उनके पति, महाराजा रणजीत सिंह की समाधि, लाहौर में ले जाया गया, जहाँ उनकी पोती, राजकुमारी बंबा सोफिया जिंदन दलीप सिंह ने उन्हें विराम दिया।

महारानी जिंद कौर की विरासत:

महारानी जिंद कौर, सिख साम्राज्य की एक शक्तिशाली और दृढ़ महिला थीं, जिन्होंने अपने बेटे के शासनकाल में सिखों का नेतृत्व किया। उनके जीवन की कहानी, ब्रिटिशों के साथ उनकी लड़ाई और उनके बेटे के साथ उनके पुनर्मिलन, भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण प्रकरण है।


Maharani Jind Kaur was regent of the Sikh Empire from 1843 until 29 March 1847. After the Sikh Empire was dissolved on 29 March 1847 the Sikhs claimed her as the Maharani and successor of Maharaja Duleep Singh. However, on the same day the British took full control and refused to accept the claims.



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