Jatha

जत्था

Jatha

(Sikh armed organization)

Summary
Info
Image
Detail

Summary

जत्था: सिख परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा

"जत्था" शब्द पंजाबी भाषा का है, जिसका अर्थ एक समूह या दल होता है। सिख परंपरा में, "जत्था" शब्द का उपयोग 1699 से सिखों के एक सशस्त्र समूह को दर्शाने के लिए किया जाता है, जो "खालसा" (सिख योद्धाओं का आदेश) की शुरुआत के बाद से है।

जत्था की शुरुआत और विकास:

  • सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की।
  • इस दौरान, सिखों को मुगल शासन के अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा था।
  • खालसा पंथ की स्थापना के साथ, सिखों ने अपनी सुरक्षा और धर्म की रक्षा के लिए खुद को सशस्त्र करने का फैसला किया।
  • इसी समय से, सिख योद्धाओं के समूहों को "जत्था" कहा जाने लगा।

जत्था की भूमिका:

  • जत्थे सिखों के लिए सुरक्षा प्रदान करने, उनके धर्म की रक्षा करने और मुगल शासन के खिलाफ लड़ने के लिए बनाए गए थे।
  • जत्थे सिखों को एक संगठित और सशक्त बल के रूप में एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
  • समय के साथ, जत्थे ने सिखों के राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जत्था की विशेषताएं:

  • जत्थे के सदस्य निडर, बहादुर और अपने धर्म के प्रति समर्पित होते थे।
  • वे गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं का पालन करते थे और सिखों की मूल्यों को मानते थे।
  • जत्थे की सदस्यता खुली थी और सभी जाति, धर्म और वर्ण के लोग इसमें शामिल हो सकते थे।

आज के समय में जत्था:

  • आज के समय में, सिखों के समूहों को "जत्था" कहा जाता है जो धार्मिक कार्यों, सामाजिक सेवाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं।
  • जत्था की भूमिका अब भी सिख समुदाय को एकजुट करने और सिख धर्म को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है।

संक्षेप में, "जत्था" सिख परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सिखों की सुरक्षा, धर्म की रक्षा और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण रहा है।


A Jatha is an armed body of Sikhs that has existed in Sikh tradition since 1699, the beginning of the Khalsa. A Jatha basically means a group of people.



...
...
...
...
...
An unhandled error has occurred. Reload 🗙