
टेर्टोन
Tertön
(Tibetan Buddhist master)
Summary
तिब्बती बौद्ध धर्म में तेरतोन्: प्राचीन ज्ञान के खोजी
तेरतोन् (तिब्बती: གཏེར་སྟོན་, Wylie: gter ston) तिब्बती बौद्ध धर्म में एक महत्वपूर्ण शब्द है जो प्राचीन छिपे हुए ग्रंथों या 'तेर्मा' के खोजकर्ता को दर्शाता है। यह माना जाता है कि अधिकांश तेरतोन्, पद्मसंभव (गुरु रिनपोचे) के पच्चीस मुख्य शिष्यों के अवतार होते हैं।
गुरु रिनपोचे ने तिब्बत में आने वाले एक अंधकारमय समय की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने अपनी पत्नी येше त्सोग्याल के साथ मिलकर, भविष्य में प्राणियों के हित के लिए शिक्षाओं को छिपा दिया था। इन छिपी हुई शिक्षाओं को 'तेर्मा' कहा जाता है। समय के साथ, इन तेरमा की खोज और प्रसारण के लिए एक विशाल परंपरा विकसित हुई।
तेर्मा सिर्फ़ ग्रंथ ही नहीं होते, बल्कि ये मूर्तियाँ जैसी वस्तुएँ भी हो सकती हैं। यह धर्म ग्रंथों, ध्यान पद्धतियों और आध्यात्मिक अनुभवों के रूप में भी मौजूद हो सकते हैं। तेरतोन् सही समय और स्थान पर इन ग्रंथों की खोज करते हैं।
तेर्मा की शिक्षाएँ सरल प्रसारण से लेकर संपूर्ण ध्यान प्रणालियों तक हो सकती हैं। ये चट्टानों, पानी और गुरु रिनपोचे के शिष्यों के अवतारों के मन में पाए जाते हैं। न्यिंग्मा सम्प्रदाय के ग्रंथों को तेरमा की खोजों द्वारा अद्यतन किया गया है, और तेरमा की शिक्षाओं ने कई तिब्बती बॉन और बौद्ध साधकों का मार्गदर्शन किया है।