
भारतीय प्रवासी
Indian diaspora
(Indian citizens and persons of Indian origin living abroad)
Summary
प्रवासी भारतीय: भारत से परे, दिल से जुड़े
यह लेख विकिपीडिया से ली गई जानकारी पर आधारित है, जिसे सरल भाषा और अधिक विवरण के साथ हिंदी में प्रस्तुत किया जा रहा है:
प्रवासी भारतीय वे लोग हैं जो भारत से बाहर रहते हैं या जिनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं। भारत सरकार इन्हें दो श्रेणियों में बाँटती है:
- अप्रवासी भारतीय (एनआरआई): ये वे भारतीय नागरिक हैं जो वर्तमान में भारत में नहीं रहते हैं।
- भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ): ये वे लोग हैं जिनका जन्म या वंश भारत से जुड़ा है, लेकिन वे भारत के नागरिक नहीं हैं और किसी अन्य देश की नागरिकता रखते हैं (कुछ अपवादों को छोड़कर)।
प्रवासी भारतीय नागरिकता (ओसीआई) भारतीय मूल के व्यक्तियों और उन लोगों को दी जाती है जो भारतीय नागरिक या भारतीय मूल के व्यक्ति से विवाहित हैं। ओसीआई का दर्जा रखने वाले व्यक्तियों को प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) कहा जाता है। ओसीआई का दर्जा विदेशी पासपोर्ट के साथ भारत आने के लिए एक स्थायी वीजा की तरह होता है।
संख्या और महत्व:
विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 2.9 करोड़ (29 मिलियन) एनआरआई और पीआईओ (ओसीआई सहित) रहते हैं। यह संख्या उन्हें दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाती है। हर साल लगभग 25 लाख (2.5 मिलियन) भारतीय विदेशों में प्रवास करते हैं, जो दुनिया में प्रवासियों की सबसे बड़ी वार्षिक संख्या है।
प्रवासी भारतीय भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। वे भारत में अपने परिवारों को पैसा भेजते हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद करता है। वे अपने ज्ञान, कौशल और अनुभव से भी भारत को समृद्ध करते हैं।