
बाल पाटिल
Bal Patil
(Indian writer (1932–2011))
Summary
बाळ पाटील: एक जैन विद्वान, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता
बाळ पाटील (१९३२-२०११) मुंबई, महाराष्ट्र से एक प्रसिद्ध जैन विद्वान, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और जैन अल्पसंख्यक दर्जे के प्रबल पक्षधर थे।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
बाळ पाटील का जन्म १९३२ में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा मुंबई में प्राप्त की।
पेशा और सामाजिक योगदान:
बाळ पाटील एक कुशल पत्रकार थे। उन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में अपने लेखों के माध्यम से समाज को जागरूक करने का काम किया। वे जैन धर्म के प्रकांड विद्वान भी थे और उन्होंने जैन धर्म और दर्शन पर कई पुस्तकें लिखीं।
बाळ पाटील एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए। वे राष्ट्रीय हृदय रोग निवारण और पुनर्वास सोसायटी, मुंबई के अध्यक्ष भी रहे।
जैन अल्पसंख्यक दर्जे के लिए संघर्ष:
बाळ पाटील जैन धर्म को भारत में अल्पसंख्यक दर्जा दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे। वे अखिल भारतीय जैन अल्पसंख्यक फोरम, नई दिल्ली के महासचिव थे। उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की दो सिफारिशों के अनुसार अन्य भारतीय अल्पसंख्यकों के समान जैन धार्मिक अल्पसंख्यक दर्जे की मान्यता के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
पुरस्कार और सम्मान:
बाळ पाटील को उनके कार्यों के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य के रूप में २००१ से २००४ तक नियुक्त किया गया था।
निष्कर्ष:
बाळ पाटील का जीवन समाज सेवा और जैन धर्म के प्रति समर्पण का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है। उनके प्रयासों से जैन समुदाय को अपनी पहचान और अधिकारों के प्रति जागरूकता आई।
अतिरिक्त जानकारी:
- बाळ पाटील ने जैन धर्म पर कई पुस्तकें लिखीं और विभिन्न संगोष्ठियों और सम्मेलनों में कई पत्र प्रस्तुत किए।
- उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जैन धर्म का प्रतिनिधित्व किया।
यह जानकारी विकिपीडिया से ली गई है और इसमें थोड़ा और विस्तार किया गया है.