Sanskrit

संस्कृत

Sanskrit

(Ancient Indo-European language of South Asia)

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संस्कृत: एक विस्तृत परिचय (Sanskrit: A Detailed Introduction in Hindi)

संस्कृत एक प्राचीन और शास्त्रीय भाषा है जो इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार की इंडो-आर्यन शाखा से संबंधित है। कांस्य युग के अंत में, जब इसके पूर्ववर्ती भाषाएँ उत्तर पश्चिम से दक्षिण एशिया में फैल गईं, तब संस्कृत का उदय हुआ।

संस्कृत का महत्व:

  • धर्म और दर्शन: संस्कृत हिंदू धर्म की पवित्र भाषा है और शास्त्रीय हिंदू दर्शन के अधिकांश ग्रंथ इसी भाषा में लिखे गए हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) और जैन धर्म के ऐतिहासिक ग्रंथ भी संस्कृत में रचे गए हैं। आज भी, हिंदू धर्म के अधिकांश यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही किए जाते हैं।
  • साहित्य और कला: संस्कृत में दो महान महाकाव्य, महाभारत और रामायण, रचे गए हैं जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। कालिदास जैसे महान नाटककारों ने संस्कृत में उत्कृष्ट रचनाएँ की हैं।
  • विज्ञान और गणित: आधुनिक अंकगणित की नींव सबसे पहले संस्कृत में ही रखी गई थी।
  • संपर्क भाषा: प्राचीन और मध्ययुगीन दक्षिण एशिया में संस्कृत एक संपर्क भाषा के रूप में कार्य करती थी।

संस्कृत का विकास:

  • वैदिक संस्कृत: ऋग्वेद, जो 1500 ईसा पूर्व और 1200 ईसा पूर्व के बीच रचा गया था, वैदिक संस्कृत का सबसे प्राचीन उदाहरण है।
  • लौकिक संस्कृत: वैदिक संस्कृत के बाद, लौकिक संस्कृत का विकास हुआ जिसमें महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्य रचे गए।
  • शास्त्रीय संस्कृत: मध्य पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व में, शास्त्रीय संस्कृत का उदय हुआ, जिसका मानकीकरण पाणिनि द्वारा रचित अष्टाध्यायी नामक व्याकरण ग्रंथ में किया गया।

संस्कृत का प्रसार:

मध्ययुगीन काल में, हिंदू और बौद्ध संस्कृति के साथ संस्कृत का प्रसार दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया और मध्य एशिया में हुआ। इसका इन क्षेत्रों की भाषाओं, विशेषकर उनकी औपचारिक और विद्वत्तापूर्ण शब्दावली पर स्थायी प्रभाव पड़ा।

आधुनिक भारत में संस्कृत:

  • संवैधानिक मान्यता: भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में संस्कृत को शामिल किया गया है जो इसके महत्व को दर्शाता है।
  • शिक्षा: प्राचीन काल से ही गुरुकुलों में संस्कृत की शिक्षा दी जाती रही है। आज भी माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
  • धार्मिक उपयोग: संस्कृत का उपयोग हिंदू और बौद्ध धर्म के भजन और मंत्रों में आज भी व्यापक रूप से किया जाता है।

हालांकि, आधुनिक युग में संस्कृत एक बोलचाल की भाषा नहीं रही। फिर भी, यह भारतीय संस्कृति और विरासत का एक अभिन्न अंग है और इसका प्रभाव आज भी भाषा, साहित्य, दर्शन, और कला के क्षेत्र में देखा जा सकता है।


Sanskrit is a classical language belonging to the Indo-Aryan branch of the Indo-European languages. It arose in South Asia after its predecessor languages had diffused there from the northwest in the late Bronze Age. Sanskrit is the sacred language of Hinduism, the language of classical Hindu philosophy, and of historical texts of Buddhism and Jainism. It was a link language in ancient and medieval South Asia, and upon transmission of Hindu and Buddhist culture to Southeast Asia, East Asia and Central Asia in the early medieval era, it became a language of religion and high culture, and of the political elites in some of these regions. As a result, Sanskrit had a lasting effect on the languages of South Asia, Southeast Asia and East Asia, especially in their formal and learned vocabularies.



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