
त्रिपिटक
Tripiṭaka
(Buddhist canonical collection)
Summary
Tipiṭaka: बौद्ध धर्म का पवित्र ग्रंथ संग्रह
Tipiṭaka (पाली: [tɪˈpɪʈɐkɐ]) या Tripiṭaka (संस्कृत: [trɪˈpɪʈɐkɐ]), जिसका अर्थ है "तीन टोकरियाँ", प्राचीन बौद्ध धर्मग्रंथों के संग्रह के लिए पारंपरिक शब्द है। Tripiṭaka तीन मुख्य श्रेणियों के ग्रंथों से बना है जो सामूहिक रूप से बौद्ध सिद्धांत का गठन करते हैं:
Sutra Piṭaka (सुत्त पिटक): यह खंड भगवान बुद्ध के उपदेशों और प्रवचनों का संग्रह है। इसमें बुद्ध के जीवन, शिक्षाओं, और नैतिक सिद्धांतों का वर्णन मिलता है। यह पिटक आम लोगों के लिए भी समझना आसान है।
Vinaya Piṭaka (विनय पिटक): यह खंड बौद्ध भिक्षुओं और भिक्षुणियों के लिए आचार संहिता और नियमों का संग्रह है। इसमें मठवासी जीवन, अनुशासन, और नैतिक आचरण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
Abhidhamma Piṭaka (अभिधम्म पिटक): यह खंड बौद्ध दर्शन और मनोविज्ञान का गहन और जटिल विश्लेषण प्रस्तुत करता है। इसमें चेतना, ध्यान, और निर्वाण जैसे विषयों पर गहन चिंतन शामिल है। यह पिटक विद्वानों और साधकों के लिए है।
विभिन्न परंपराओं में त्रिपिटक:
- पाली कैनन: दक्षिण पूर्व एशिया में थेरवाद परंपरा द्वारा संरक्षित पाली कैनन, पाली भाषा में लिखा गया है और इसे सबसे प्राचीन और प्रामाणिक त्रिपिटक माना जाता है।
- चीनी बौद्ध कैनन: पूर्वी एशियाई बौद्ध परंपरा द्वारा संरक्षित चीनी बौद्ध कैनन, चीनी भाषा में अनुवादित ग्रंथों का विशाल संग्रह है।
- तिब्बती बौद्ध कैनन: तिब्बती बौद्ध परंपरा द्वारा संरक्षित तिब्बती बौद्ध कैनन, तिब्बती भाषा में अनुवादित ग्रंथों का एक और महत्वपूर्ण संग्रह है।
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि "त्रिपिटक" शब्द का प्रयोग कई अन्य बौद्ध सम्प्रदायों द्वारा भी अपने धर्मग्रंथों के संग्रह के लिए किया जाता है, हालाँकि उनके विभाजन हमेशा तीन पिटकों में विभाजित नहीं होते हैं।