Pali_Canon

पाली कैनन

Pali Canon

(Buddhist scriptures of the Theravada tradition)

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Pali Canon: थेरवाद बौद्ध धर्म का पवित्र ग्रंथ

Pali Canon (पाली कैनन), जिसे Tipitaka (तिपिटक) भी कहा जाता है, थेरवाद बौद्ध धर्म का सबसे महत्वपूर्ण और प्रामाणिक धार्मिक ग्रंथ है। यह पाली भाषा में लिखा गया है और इसमें भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का संग्रह है।

इतिहास:

  • प्रथम बौद्ध संगीति: भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण (मृत्यु) के तीन महीने बाद, राजगीर में आयोजित प्रथम बौद्ध संगीति में, आनंद ने सुत्त पिटक का और उपाली ने विनय पिटक का पाठ किया था।
  • मौखिक परंपरा: शुरुआत में, बौद्ध भिक्षुओं द्वारा पीढ़ी-दर-पीढ़ी मौखिक रूप से इन शिक्षाओं को संरक्षित रखा गया था।
  • लिखित रूप में संकलन: सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान श्रीलंका में प्रसारित तिपिटक को शुरू में मौखिक रूप से संरक्षित किया गया था। बाद में, ईसा पूर्व 29 में चौथी बौद्ध संगीति के दौरान इसे ताड़ के पत्तों पर लिखा गया था।
  • भानक परंपरा: सदियों तक, मौखिक परंपरा (भानक परंपरा) लिखित ग्रंथों के साथ-साथ चलती रही।
  • सामान्य स्वीकृति: धीरे-धीरे, लिखित रूप में ग्रंथों का प्रचलन बढ़ता गया और अंततः इसे सभी ने स्वीकार कर लिया।

विषय वस्तु:

"तिपिटक" शब्द का अर्थ है "तीन टोकरियाँ"। यह तीन भागों में विभाजित है:

  1. विनय पिटक (अनुशासन की टोकरी): इसमें बौद्ध संघ (भिक्षुओं का समुदाय) के नियमों और अनुशासन का वर्णन है।
  2. सुत्त पिटक (सूत्र/कथन की टोकरी): इसमें बुद्ध के उपदेश, प्रवचन और कुछ धार्मिक कविताएँ शामिल हैं। यह तिपिटक का सबसे बड़ा भाग है।
  3. अभिधम्म पिटक (विभाज्य दर्शन की टोकरी): इसमें बौद्ध धर्म के सिद्धांतों, विशेषकर मन के बारे में विस्तृत व्याख्या की गई है।

महत्व:

  • Pali Canon, थेरवाद बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे प्रामाणिक ग्रंथ माना जाता है।
  • इसमें शुरुआती बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का विस्तृत और व्यवस्थित वर्णन मिलता है।
  • यह ग्रंथ पाली भाषा के अध्ययन के लिए भी महत्वपूर्ण है।

अन्य बौद्ध सम्प्रदायों से तुलना:

विनय पिटक और सुत्त पिटक, अन्य शुरुआती बौद्ध सम्प्रदायों के ग्रंथों से काफी मिलते-जुलते हैं। हालाँकि, अभिधम्म पिटक, विशुद्ध रूप से थेरवाद परंपरा का ग्रंथ है और अन्य बौद्ध सम्प्रदायों के अभिधम्म ग्रंथों से इसका बहुत कम साम्य है।

संक्षेप में: Pali Canon, थेरवाद बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ है जो हमें भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और शुरुआती बौद्ध धर्म की संस्कृति को समझने में मदद करता है।


The Pāli Canon is the standard collection of scriptures in the Theravada Buddhist tradition, as preserved in the Pāli language. It is the most complete extant early Buddhist canon. It derives mainly from the Tamrashatiya school.



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