
कुन्दकुन्द स्वामी
Kundakunda
(Indian Jain monk)
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कुंदकुंद: एक महान दिगंबर जैन साधु और दार्शनिक
कुंदकुंद एक महान दिगंबर जैन साधु और दार्शनिक थे, जिनका जीवन संभवतः दूसरी शताब्दी ईस्वी या बाद में था।
उनका जन्म माघ मास, शुक्ल पक्ष, पंचमी तिथि, वसंत पंचमी के दिन हुआ था। वे कई जैन ग्रंथों के लेखक थे, जिनमें शामिल हैं: *समयसार*, *नियमसार*, *पंचस्तिकायसार*, *प्रवचनसार*, *अष्टपहुडा* और *बरसानुवेक्खा*। दिगंबर जैन आचार्यों की परंपरा में उनका स्थान सर्वोच्च है। सभी दिगंबर जैन धर्मग्रंथों को पढ़ने से पहले उनका नाम लेते हैं।
अपने जीवन का अधिकांश समय उन्होंने तमिलनाडु के पोननूर पहाड़ियों में बिताया और बाद में अपने जीवन का कुछ हिस्सा कर्नाटक के कुंदाद्री में बिताया।
Kundakunda was a Digambara Jain monk and philosopher, who likely lived in the second century CE or later.