
तियानताई
Tiantai
(School of Mahayana Buddhism established and practiced in China)
Summary
तिएन्ताई बौद्ध धर्म: एक विस्तृत विवरण
तिएन्ताई या तिएन-ताई (चीनी: 天台) महायान बौद्ध धर्म का एक पूर्वी एशियाई संप्रदाय है जो 6 वीं शताब्दी के चीन में विकसित हुआ था। यह "एक वाहन" (एकयान) सिद्धांत पर जोर देता है जो सुखावतीव्यूह सूत्र से लिया गया है। यह माध्यमक दर्शन को भी महत्वपूर्ण मानता है, खासकर जैसा कि चौथे कुलपति झी यी (538-597 ईस्वी) ने समझाया था।
प्राचीन और मध्ययुगीन चीनी धर्म और दर्शन के प्रोफेसर ब्रुक ज़िपोरिन के अनुसार, तिएन्ताई बौद्ध धर्म "भारतीय बौद्ध परंपरा का एक पूर्ण चीनी पुनर्विकास करने का सबसे पहला प्रयास" है। बौद्ध अध्ययन के विद्वान पॉल स्वानसन के अनुसार, तिएन्ताई बौद्ध धर्म "चीन और जापान में सबसे प्रभावशाली बौद्ध परंपराओं में से एक" बन गया।
नाम की उत्पत्ति:
इस संप्रदाय का नाम इस तथ्य से लिया गया है कि झी यी तिएन्ताई पर्वत ("आकाश का मंच") पर रहते थे, जो बाद में परंपरा के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया। झी यी को पहला प्रमुख व्यक्ति माना जाता है जिसने एक स्वदेशी चीनी बौद्ध प्रणाली बनाई।
तिएन्ताई को कभी-कभी "कमल संप्रदाय" भी कहा जाता है, क्योंकि सुखावतीव्यूह सूत्र की इसकी शिक्षाओं में केंद्रीय भूमिका है।
इतिहास:
सुई वंश (581-618 ईस्वी): तिएन्ताई संप्रदाय चीनी बौद्ध धर्म के प्रमुख संप्रदायों में से एक बन गया, जिसमें सम्राटों और धनी संरक्षकों द्वारा समर्थित कई बड़े मंदिर थे।
तांग वंश (618-907 ईस्वी): संप्रदाय का प्रभाव कम हो गया लेकिन बाद में इसे पुनर्जीवित किया गया।
सोंग वंश (960-1279 ईस्वी): तिएन्ताई का प्रभाव फिर से बढ़ा।
आधुनिक युग: चीनी तिएन्ताई आज भी एक जीवंत परंपरा है, खासकर हांगकांग में।
शाखाएँ और प्रभाव:
जापानी तेंदाई संप्रदाय: 9वीं शताब्दी के दौरान तिएन्ताई से अलग हुई एक प्रभावशाली परंपरा, जिसने जापानी बौद्ध धर्म के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
कोरियाई चेओनटे संप्रदाय: 12वीं शताब्दी के दौरान स्थापित एक और शाखा।
अन्य परंपराओं पर प्रभाव: तिएन्ताई (और इसकी शाखाओं) का पूर्वी एशियाई बौद्ध धर्म के अन्य रूपों, जैसे कि ज़ेन और शुद्ध भूमि के विकास पर बहुत प्रभाव था।
मुख्य शिक्षाएँ:
- एक वाहन (एकयान): सभी प्राणियों के लिए बुद्धत्व प्राप्त करने का एक ही मार्ग है।
- माध्यमक दर्शन: वास्तविकता की प्रकृति पर एक दार्शनिक दृष्टिकोण जो सभी द्वैतों से परे है।
- सुखावतीव्यूह सूत्र: एक महत्वपूर्ण सूत्र जो सभी प्राणियों की बुद्ध प्रकृति पर जोर देता है।
- ध्यान और नैतिक आचरण: आध्यात्मिक प्रगति के लिए आवश्यक।
तिएन्ताई बौद्ध धर्म ने पूर्वी एशियाई विचार और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाला है। इसकी शिक्षाएँ आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।