Mahayana_sutras

महायान सूत्र

Mahayana sutras

(Religious texts in the Mahayana Buddhist tradition)

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महायान सूत्र: बौद्ध धर्म का एक विस्तृत और महत्वपूर्ण पहलू (हिंदी में विस्तृत विवरण)

महायान सूत्र बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय में अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं। इन्हें बुद्धवचन यानि बुद्ध के वचन माना जाता है और ये महायान बौद्ध धर्म के सिद्धांतों और शिक्षाओं का आधार हैं।

संस्कृत, तिब्बती और चीनी भाषाओं में उपलब्ध:

महायान सूत्र मूल रूप से संस्कृत भाषा में लिखे गए थे, लेकिन बाद में इनका तिब्बती और चीनी भाषाओं में भी अनुवाद हुआ। आज ये सूत्र मुख्यतः संस्कृत पांडुलिपियों, तिब्बती बौद्ध ग्रंथों और चीनी बौद्ध ग्रंथों में सुरक्षित हैं।

विस्तृत और विविध:

महायान सूत्रों को वैपुल्य सूत्र भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है "विस्तृत सूत्र"। ये नाम इनकी विशालता और विविधता को दर्शाता है। सैकड़ों महायान सूत्र आज भी उपलब्ध हैं और इनमें बौद्ध धर्म के विभिन्न पहलुओं, जैसे ध्यान, नैतिकता, शून्यता, बोधिसत्व पथ आदि पर प्रकाश डाला गया है।

उत्पत्ति और विकास:

विद्वानों का मानना है कि महायान सूत्रों की रचना पहली शताब्दी ईसा पूर्व और पहली शताब्दी ईस्वी के बीच शुरू हुई थी। प्राचीन भारत में बौद्ध धर्म के पतन तक इनकी रचना, संकलन और संपादन का कार्य चलता रहा। कुछ विद्वानों का यह भी मानना है कि इनमें से कुछ सूत्र भारत के बाहर, मध्य एशिया और पूर्वी एशिया में भी रचे गए होंगे।

प्रमुख महायान सूत्र:

महायान बौद्ध धर्म में कई सूत्रों को बहुत महत्व दिया जाता है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • सद्धर्मपुण्डरीक सूत्र (Lotus Sutra): यह सूत्र बुद्ध की करुणा और सभी प्राणियों की बुद्धत्व प्राप्त करने की क्षमता पर ज़ोर देता है।
  • प्रज्ञापारमिता सूत्र (Perfection of Wisdom Sutras): ये सूत्र शून्यता की अवधारणा की व्याख्या करते हैं, जो कहता है कि सभी धारणाएँ अनित्य और स्वतंत्र अस्तित्व से रहित हैं।
  • अवतांसक सूत्र (Avatamsaka Sutra): यह सूत्र वास्तविकता की परस्पर निर्भरता और सभी घटनाओं के आपस में जुड़े होने का वर्णन करता है।
  • लंकावतार सूत्र (Lankavatara Sutra): यह सूत्र चित्त की प्रकृति और ध्यान के महत्व पर केंद्रित है।
  • सुखावतीव्यूह सूत्र (Pure Land Sutras): ये सूत्र अमिताभ बुद्ध के शुद्ध लोक में पुनर्जन्म प्राप्ति के मार्ग का वर्णन करते हैं।
  • महापरिनिर्वाण सूत्र (Nirvana Sutra): यह सूत्र बुद्ध के अंतिम उपदेशों और उनके परिनिर्वाण की घटना का वर्णन करता है।

महायान मान्यता:

महायान बौद्धों का मानना है कि अधिकांश महायान सूत्र स्वयं शाक्यमुनि बुद्ध द्वारा ही सिखाए गए थे और उनके शिष्य, विशेषकर आनंद, ने उन्हें याद करके पीढ़ियों तक पहुँचाया। हालाँकि, कुछ सूत्रों को मंजुश्री और अवलोकितेश्वर जैसे बोधिसत्वों द्वारा सिखाया गया बताया गया है।

महायान बौद्ध धर्म के अनुसार, ये सूत्र एक निश्चित समय तक नाग लोक (सर्प देवताओं का लोक) में छिपे हुए थे और बाद में मानव जाति के लिए प्रकट हुए।

विभिन्न बौद्ध सम्प्रदायों में मतभेद:

प्राचीन भारत में सभी बौद्ध संप्रदाय महायान सूत्रों को स्वीकार नहीं करते थे। थेरवाद बौद्ध धर्म, जो खुद को मूल बौद्ध धर्म का उत्तराधिकारी मानता है, महायान सूत्रों को बुद्ध के वचन के रूप में स्वीकार नहीं करता।

निष्कर्ष:

महायान सूत्र महायान बौद्ध धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनमें बुद्ध के उपदेशों का विस्तृत और गहन वर्णन है, जो हमें मुक्ति के मार्ग पर चलने और बोधिसत्व बनने की प्रेरणा देते हैं।


The Mahāyāna sūtras are a broad genre of Buddhist scripture (sūtra) that are accepted as canonical and as buddhavacana in Mahāyāna Buddhism. They are largely preserved in Sanskrit manuscripts, and translations in the Tibetan Buddhist canon and Chinese Buddhist canon. Several hundred Mahāyāna sūtras survive in Sanskrit, or in Chinese and Tibetan translations. They are also sometimes called Vaipulya ("extensive") sūtras by earlier sources. The Buddhist scholar Asaṅga classified the Mahāyāna sūtras as part of the Bodhisattva Piṭaka, a collection of texts meant for bodhisattvas.



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