Zen

जेन

Zen

(Meditation-based school of Mahāyāna Buddhism)

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ज़ेन बौद्ध धर्म: सरल व्याख्या और विस्तृत विवरण हिंदी में

ज़ेन, महायान बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण संप्रदाय है, जिसकी शुरुआत चीन में तांग राजवंश के दौरान हुई थी। यह "चान" नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है "ध्यान संप्रदाय" या "बुद्ध-मन संप्रदाय"। समय के साथ, चान विभिन्न उप-संप्रदायों और शाखाओं में विकसित हुआ। चीन से, यह दक्षिण में वियतनाम पहुँचा और वियतनामी थिएन बना, उत्तर-पूर्व में कोरिया पहुँचा और सोन बौद्ध धर्म बना, और पूर्व में जापान पहुँचा और जापानी ज़ेन बना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • ध्यान: ज़ेन, ध्यान अभ्यास पर बहुत ज़ोर देता है। यह माना जाता है कि ध्यान के माध्यम से ही व्यक्ति अपने वास्तविक स्वरूप को जान सकता है।
  • आत्म-साक्षात्कार: ज़ेन का उद्देश्य है "केंशो", यानी अपने वास्तविक स्वरूप का सीधा अनुभव।
  • दैनिक जीवन में अनुप्रयोग: ज़ेन सिखाता है कि आत्म-साक्षात्कार को दैनिक जीवन में कैसे लागू किया जाए ताकि दूसरों का भला हो सके।
  • गुरु का महत्व: ज़ेन में गुरु या "रोशी" का बहुत महत्व है। रोशी एक अनुभवी शिक्षक होता है जो शिष्य को केंशो प्राप्त करने में मार्गदर्शन करता है।

अन्य महत्वपूर्ण पहलू:

  • सिद्धांतों से ज़्यादा अनुभव: कुछ ज़ेन परंपराएँ धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन और रीति-रिवाजों पर कम ज़ोर देती हैं और ध्यान और गुरु के साथ सीधे संवाद को महत्व देती हैं। हालाँकि, अधिकांश ज़ेन संप्रदाय, मंत्रों का जाप, नैतिक नियमों का पालन, अनुष्ठानों, मठवासी जीवन और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन को भी प्रोत्साहित करते हैं।
  • बुद्ध-प्रकृति: ज़ेन, "बुद्ध-प्रकृति" के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि सभी प्राणियों में बुद्धत्व प्राप्त करने की क्षमता है।
  • अचानक जागृति: ज़ेन का मानना है कि जागृति अचानक और अप्रत्याशित रूप से हो सकती है।
  • विभिन्न बौद्ध परंपराओं से प्रभाव: ज़ेन, विभिन्न बौद्ध परंपराओं से प्रभावित रहा है, जैसे कि सार्वस्तिवाद ध्यान, बोधिसत्व के बारे में महायान शिक्षाएँ, योगाचार और तथागतगर्भ ग्रंथ, और हुआयेन संप्रदाय।
  • प्रज्ञापारमिता साहित्य: प्रज्ञापारमिता साहित्य और माध्यमिक दर्शन ने ज़ेन के अद्वैतवादी और कभी-कभी परंपराओं को तोड़ने वाले स्वभाव को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • ताओवाद का प्रभाव: ज़ेन पर ताओवादी दर्शन, विशेष रूप से नव-ताओवादी विचारों का भी प्रभाव पड़ा है।

संक्षेप में, ज़ेन बौद्ध धर्म ध्यान, आत्म-साक्षात्कार और करुणा पर ज़ोर देता है। यह बौद्ध धर्म की एक गहन और परिवर्तनकारी परंपरा है जिसका पूरे एशिया में प्रभाव रहा है और आज भी दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करता है।


Zen is a school of Mahayana Buddhism that originated in China during the Tang dynasty as the Chan School or the Buddha-mind school, and later developed into various sub-schools and branches. From China, Chán spread south to Vietnam and became Vietnamese Thiền, northeast to Korea to become Seon Buddhism, and east to Japan, becoming Japanese Zen.



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