
व्यास
Vyasa
(Sage in ancient India)
Summary
Info
Image
Detail
Summary
वेद व्यास: महाभारत के रचयिता और हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण ऋषि
वेद व्यास, जिन्हें कृष्ण द्वैपायन के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म के एक पूजनीय ऋषि हैं। उन्हें महाभारत महाकाव्य के रचयिता के रूप में जाना जाता है।
नाम और अर्थ:
- कृष्ण द्वैपायन: यह उनका मूल नाम था, जिसमें "कृष्ण" का अर्थ "काला" और "द्वैपायन" का अर्थ "द्वीप पर पैदा हुआ" है।
- व्यास: यह उनका प्रसिद्ध नाम है, जिसका अर्थ है "विस्तारक" या "संकलनकर्ता"।
- वेद व्यास: इस नाम का अर्थ है "वेदों का संकलनकर्ता", क्योंकि उन्हें वेदों को चार भागों में विभाजित करने का श्रेय दिया जाता है।
हिन्दू धर्म में महत्व:
- महाभारत के रचयिता: वेद व्यास को महाभारत महाकाव्य का रचनाकार माना जाता है। यह ग्रंथ भारतीय इतिहास, दर्शन, नीति और धर्म के बारे में महत्वपूर्ण ज्ञान प्रदान करता है।
- वेदों का संकलनकर्ता: उन्हें वेदों को चार भागों में विभाजित करने का श्रेय दिया जाता है: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
- पुराणों और ब्रह्मसूत्रों के लेखक: वेद व्यास को अठारह पुराणों और ब्रह्मसूत्रों का लेखक भी माना जाता है। पुराण हिन्दू पौराणिक कथाओं और इतिहासों का संग्रह है, जबकि ब्रह्मसूत्र वेदांत दर्शन के मुख्य सिद्धांतों का सारांश प्रस्तुत करते हैं।
- विष्णु का अंशावतार: वेद व्यास को विष्णु का अंशावतार माना जाता है। अंशावतार का अर्थ है "आंशिक अवतार", जो किसी देवता के एक हिस्से का अवतार होता है।
- चिरंजीवी: वेद व्यास को चिरंजीवी माना जाता है, जिसका अर्थ है "जो कभी नहीं मरता"। हिन्दू धर्म के अनुसार, वे कलयुग में भी जीवित हैं।
संक्षेप में:
वेद व्यास हिन्दू धर्म के एक प्रमुख ऋषि हैं, जिन्हें महाभारत के रचयिता, वेदों के संकलनकर्ता, पुराणों और ब्रह्मसूत्रों के लेखक और विष्णु के अंशावतार के रूप में जाना जाता है। वे चिरंजीवी भी हैं, जो कलयुग में भी जीवित हैं।
Krishna Dvaipayana, better known as Vyasa or Veda Vyasa, is a revered rishi (sage) portrayed in most Hindu traditions. He is traditionally regarded as the author of the epic Mahābhārata.