Piara_Singh_Bhaniara

पियारा सिंह भनियारा

Piara Singh Bhaniara

(Indian religious leader (1958–2019))

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पियारा सिंह भणीआरा: एक विवादास्पद दलित धार्मिक नेता

पियारा सिंह भणीआरा (23 अगस्त 1958 – 30 दिसंबर 2019), जिन्हें बाबा भणीआरा (या भणीआरवाला) के नाम से भी जाना जाता था, पंजाब, भारत के एक दलित धार्मिक नेता थे। उन्होंने 1980 के दशक में एक अलग सिख सम्प्रदाय की स्थापना की, जिसका रूढ़िवादी सिखों ने उनके धर्म का अपमान करने के रूप में विरोध किया।

विवाद और विरोध:

2001 में, उनके अनुयायियों ने अपना पवित्र ग्रंथ भवसागर ग्रंथ प्रकाशित किया, और कथित तौर पर सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान किया। इसने भणीआरा के अनुयायियों के खिलाफ हिंसा को जन्म दिया। पंजाब सरकार ने भवसागर ग्रंथ पर प्रतिबंध लगा दिया और भणीआरा को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया।

भवसागर ग्रंथ और गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान:

भवसागर ग्रंथ के प्रकाशन और उसमें गुरु ग्रंथ साहिब के कथित अपमान ने सिख समुदाय में बहुत गुस्सा और आक्रोश पैदा किया। रूढ़िवादी सिखों का मानना था कि यह उनके धर्म और आस्था का घोर अपमान है। यह विवाद केवल धार्मिक मतभेदों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक तनाव का भी कारण बना।

दलित पहचान और सिख धर्म:

भणीआरा का मामला दलित समुदाय के भीतर सिख धर्म की व्याख्या और उसमें उनकी स्थिति के बारे में जटिल बहस को भी उजागर करता है। उनका आंदोलन, भले ही विवादास्पद रहा हो, दलित समुदाय के भीतर धार्मिक और सामाजिक न्याय की मांग को दर्शाता है।

निष्कर्ष:

पियारा सिंह भणीआरा का जीवन और उनके द्वारा स्थापित सम्प्रदाय, सिख धर्म के भीतर मौजूद जटिल सामाजिक और धार्मिक गतिशीलता को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन का विषय है। उनके कार्यों ने न केवल सिख समुदाय को बल्कि दलित समुदाय और पंजाब के सामाजिक ताने-बाने को भी गहराई से प्रभावित किया। उनका विरासत आज भी चर्चा और बहस का विषय बना हुआ है।


Piara Singh Bhaniara also known as Baba Bhaniara, was a Dalit religious leader from Punjab, India. He established a breakaway Sikh sect in the 1980s, which was opposed by orthodox Sikhs as insulting to their faith. In 2001, his followers published their own holy text Bhavsagar Granth, and allegedly insulted the Sikh holy book Guru Granth Sahib. This sparked violence against Bhaniara's followers. The Government of Punjab banned Bhavsagar Granth, and arrested and jailed Bhaniara.



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