Samatha-vipassana

समथ-विपश्यना

Samatha-vipassana

(Buddhist meditation practices)

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समथ और विपश्यना: बौद्ध ध्यान के दो पहलू (Samatha and Vipassanā: Two Aspects of Buddhist Meditation)

समथ (Samatha) और विपश्यना (Vipassanā) बौद्ध धर्म में मन को विकसित करने के दो महत्वपूर्ण गुण हैं जिन्हें एक साथ विकसित किया जाता है।

समथ (Samatha) का अर्थ है "शांति," "स्थिरता," "जागरूकता की शांति"। विपश्यना (Vipassanā) का अर्थ है "विशेष," "उच्च" ("वि"), "देखना" ("पश्यना")।

प्राचीन बौद्ध ग्रंथों में:

  • पाली कैनन और आगम जैसे प्राचीन बौद्ध ग्रंथों में, समथ और विपश्यना को अलग-अलग अभ्यास नहीं माना जाता है, बल्कि "एक ही मार्ग" के तत्व माना जाता है।
  • इन ग्रंथों के अनुसार, इन गुणों को ध्यान (झान/ध्यान) और मननशीलता (सती) के विकास से प्राप्त किया जाता है।
  • झान/ध्यान का बौद्ध मार्ग में केंद्रीय भूमिका है, जबकि विपश्यना का उल्लेख अक्सर समथ के साथ ही किया जाता है।

अभिधम्म पिटक और टीकाओं में:

  • अभिधम्म पिटक और टीकाओं में समथ और विपश्यना को दो अलग-अलग तकनीकों के रूप में वर्णित किया गया है।
  • यहाँ समथ का अर्थ है एकाग्रता-ध्यान, और विपश्यना का अर्थ है अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का अभ्यास।

थेरवाद परंपरा में:

  • थेरवाद परंपरा में, विपश्यना एक ऐसा अभ्यास है जो "वास्तविकता की वास्तविक प्रकृति में अंतर्दृष्टि" चाहता है।
  • यह वास्तविकता अनित्य ("अनित्य"), दुःख ("दुख," "असंतोष"), और अनात्म ("अनात्म") के रूप में परिभाषित की गई है - अस्तित्व के तीन लक्षण।

महायान परंपरा में:

  • महायान परंपराओं में, विपश्यना को शून्यता ("शून्यता") और बुद्ध-प्रकृति में अंतर्दृष्टि के रूप में परिभाषित किया गया है।

आधुनिक थेरवाद में:

  • आधुनिक थेरवाद में, समथ और विपश्यना के बीच संबंध विवाद का विषय है।
  • 18वीं-20वीं शताब्दी में थेरवाद परंपरा में ध्यान-अभ्यास को फिर से परिभाषित किया गया, जो सतीपट्ठान सुत्त, विशुद्धिमग्ग और अन्य ग्रंथों के समकालीन रीडिंग पर आधारित था।
  • इस नए दृष्टिकोण में विपश्यना और "शुष्क अंतर्दृष्टि" पर ध्यान केंद्रित किया गया और समथ को कम महत्व दिया गया।
  • 20वीं शताब्दी के विपश्यना आंदोलन में विपश्यना केंद्रीय महत्व का हो गया, जो समथ की तुलना में विपश्यना को प्राथमिकता देता है।

आलोचना:

  • कुछ आलोचकों का कहना है कि दोनों ही बौद्ध प्रशिक्षण के आवश्यक तत्व हैं।
  • अन्य आलोचकों का तर्क है कि ध्यान केवल एकाग्रता का अभ्यास नहीं है।

सारांश:

समथ और विपश्यना, बौद्ध ध्यान के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं, जिनका उद्देश्य मन को प्रशिक्षित करना और अंतर्दृष्टि प्राप्त करना है। प्राचीन और आधुनिक बौद्ध परंपराओं में इनके बीच संबंध और महत्व को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण रहे हैं।


Samatha, "calm," "serenity," "tranquility of awareness," and vipassanā, literally "special, super, seeing ", are two qualities of the mind developed in tandem in Buddhist practice.



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