
हजूर साहिब
Hazur Sahib
(One of the 5 Takhts in Sikhism)
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हज़ूर साहिब: सिख धर्म का पाँचवाँ तख्त
हज़ूर साहिब, जिसे तख्त सचखंड श्री हज़ूर अबचलनगर साहिब भी कहा जाता है, सिख धर्म के पाँच प्रमुख तख्तों में से एक है। यह गुरुद्वारा महाराजा रणजीत सिंह (1780-1839) द्वारा 1832 और 1837 के बीच बनाया गया था। यह महाराष्ट्र राज्य के नांदेड शहर में गोदावरी नदी के किनारे स्थित है।
इस गुरुद्वारे का निर्माण उस स्थान पर किया गया है जहां गुरु गोबिंद सिंह जी का निधन हुआ था। गुरुद्वारा परिसर के भीतर एक गुरुद्वारा है जिसे सच-खंड (सत्य का क्षेत्र) के रूप में जाना जाता है। गुरुद्वारे का आंतरिक कक्ष अंगीठा साहिब कहलाता है और यह उस स्थान पर बना है जहाँ 1708 में गुरु गोबिंद सिंह का अंतिम संस्कार किया गया था।
विवरण:
- स्थान: नांदेड, महाराष्ट्र, भारत
- नदी: गोदावरी नदी
- निर्माण: 1832-1837 (महाराजा रणजीत सिंह द्वारा)
- महत्व: गुरु गोबिंद सिंह जी का निधन स्थान
- अन्य नाम: तख्त सचखंड श्री हज़ूर अबचलनगर साहिब
- गुरुद्वारा: सच-खंड
- आंतरिक कक्ष: अंगीठा साहिब
विशेषताएँ:
- हज़ूर साहिब में गुरु गोबिंद सिंह जी के निधन के साथ जुड़े कई पवित्र स्थल हैं।
- गुरुद्वारा परिसर में एक विशाल सरोवर भी है जो तीर्थयात्रियों को स्नान करने के लिए समर्पित है।
- यह गुरुद्वारा सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
उपरोक्त जानकारी हज़ूर साहिब के बारे में कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को स्पष्ट करती है।
Hazur Sahib, also known as Takht Sachkhand Sri Hazur Abchalnagar Sahib, is one of the five takhts in Sikhism. The gurdwara was built between 1832 and 1837 by Maharaja Ranjit Singh (1780–1839). It is located on the banks of the Godavari River at the city of Nanded in the state of Maharashtra, India.