Capture_of_Peshawar_(1834)

पेशावर पर कब्ज़ा (1834)

Capture of Peshawar (1834)

(Battle between the Sikh Empire and Peshawar Sardars)

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पेशावर पर कब्ज़ा: 1834

6 मई, 1834 को सिख साम्राज्य और पेशावर के सरदारों के बीच एक महत्वपूर्ण युद्ध हुआ। पेशावर उस समय सुल्तान मोहम्मद खान के शासन में था, जिन्हें उनके भाई, दोस्त मोहम्मद खान ने काबुल से राजगद्दी से उतार दिया था।

यहां युद्ध की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी है:

  • युद्ध का कारण: पेशावर के सरदार दोस्त मोहम्मद खान को सत्ता में लाने के लिए सिख साम्राज्य के साथ मिल गए थे।
  • सिख सेना: सिख सेना का नेतृत्व महाराजा रणजीत सिंह के सबसे विश्वासपात्र जनरलों में से एक, हरि सिंह नलवा ने किया था।
  • पेशावर के सरदार: पेशावर के सरदारों की सेना छोटी और कमजोर थी।
  • युद्ध का परिणाम: सिख सेना ने पेशावर पर कब्ज़ा कर लिया और सुल्तान मोहम्मद खान को पकड़ लिया।
  • महत्व: यह युद्ध सिख साम्राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण जीत थी, जिसने उन्हें अफगानिस्तान की सीमाओं तक विस्तार करने की अनुमति दी।

इस युद्ध के कुछ अतिरिक्त विवरण:

  • पेशावर के सरदारों ने सिख साम्राज्य से मदद मांगी थी, क्योंकि उन्हें अपने भाई, दोस्त मोहम्मद खान से डर था, जो उन्हें काबुल की गद्दी से उतारने की कोशिश कर रहा था।
  • सिख सेना ने पेशावर की घेराबंदी की और कड़ी लड़ाई के बाद शहर पर कब्ज़ा कर लिया।
  • युद्ध के बाद, सिख साम्राज्य ने पेशावर को अपने नियंत्रण में रखा और उसे अपने साम्राज्य का हिस्सा बना लिया।

इस युद्ध का सिख साम्राज्य के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि इसने उनके प्रभाव और सैन्य ताकत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


The Capture of Peshawar took place on 6 May 1834, between the Sikh Empire and the Peshawar Sardars, who was ruled by Sultan Mohammad Khan after being deposed by his brother, Dost Mohammad Khan, from his rule in Kabul.



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