Vira_Nirvana_Samvat

वीर निर्वाण संवत

Vira Nirvana Samvat

(Calendar used in Jainism)

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वीर निर्वाण संवत : एक सरल व्याख्या

वीर निर्वाण संवत, जिसे संक्षेप में वीर संवत भी कहा जाता है, एक प्राचीन कैलेंडर युग है जिसकी शुरुआत 7 अक्टूबर 527 ईसा पूर्व से मानी जाती है। यह दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर, भगवान महावीर के निर्वाण (मोक्ष) को चिह्नित करता है।

क्या है वीर निर्वाण संवत?

यह कैलेंडर महावीर के निर्वाण की तिथि से शुरू होता है। इसका अर्थ है कि जब हम कहते हैं "वीर निर्वाण संवत 2023", तो हम महावीर के निर्वाण के बाद गुजरे 2023 वर्षों की बात कर रहे होते हैं।

क्यों महत्वपूर्ण है यह कैलेंडर?

यह भारत में प्रचलित सबसे प्राचीन कालक्रम प्रणाली है जो आज भी उपयोग में है। जैन धर्म के अनुयायी धार्मिक त्योहारों और महत्वपूर्ण तिथियों को निर्धारित करने के लिए इस कैलेंडर का पालन करते हैं।

वीर निर्वाण संवत और ग्रेगोरियन कैलेंडर में अंतर:

वीर निर्वाण संवत और आधुनिक ग्रेगोरियन कैलेंडर के बीच 527 वर्षों का अंतर है। इसका अर्थ है कि ग्रेगोरियन वर्ष 2023 वीर निर्वाण संवत 2550 के बराबर है (2023 + 527 = 2550)।

वीर निर्वाण संवत का महत्व:

यह कैलेंडर जैन धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह भगवान महावीर की शिक्षाओं और उनके द्वारा दिखाए गए मोक्ष के मार्ग की याद दिलाता है। यह जैन समुदाय को उनकी समृद्ध विरासत और इतिहास से जोड़े रखता है।


The Vira Nirvana Samvat (era) is a calendar era beginning on 7 October 527 BCE. It commemorates the nirvana of Mahavira, the 24th Jain Tirthankara. This is the oldest system of chronological reckoning which is still used in India.



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