
सती (बौद्ध धर्म)
Sati (Buddhism)
(Buddhist concept of mindfulness or awareness)
Summary
सती: बौद्ध धर्म में जागरूकता और स्मृति
"सती" (पाली: सति, संस्कृत: स्मृति) एक बौद्ध अवधारणा है जिसका अर्थ है "स्मृति" या "धारण"। इसे अक्सर "जागरूकता" या "ध्यान में रखना" के रूप में अनुवादित किया जाता है। सती, बौद्ध अभ्यास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सती के दो मुख्य पहलू हैं:
स्मृति: यह उन महत्वपूर्ण बौद्ध शिक्षाओं को याद रखने और मन में लाने की क्षमता है जो हमें दुखों से मुक्ति दिला सकती हैं। इन शिक्षाओं में शामिल हैं:
- चार आर्य सत्य
- अष्टांगिक मार्ग
- सात बोधिअंग
- पांच इंद्रियाँ
- पांच बल
जागरूकता: यह वर्तमान क्षण में अपने शरीर और मन में हो रही घटनाओं का स्पष्ट और निष्पक्ष रूप से अवलोकन करने की क्षमता है। यह बिना किसी निर्णय या प्रतिक्रिया के, बस देखने की तरह है।
सती का अभ्यास क्यों महत्वपूर्ण है?
- अकुशल विचारों और भावनाओं को पहचानने में मदद करता है: सती हमें उन नकारात्मक विचारों और भावनाओं (जैसे क्रोध, लोभ, मोह) को पहचानने में मदद करती है जो दुख का कारण बनते हैं।
- कुशल विचारों और भावनाओं को विकसित करने में मदद करता है: सती हमें प्रेम, करुणा, मुदिता (दूसरों की खुशी में खुशी) और उपेक्षा (तटस्थता) जैसे सकारात्मक गुणों को विकसित करने में मदद करती है।
- दुखों से मुक्ति दिलाता है: सती हमें दुखों के कारणों को समझने और उनसे मुक्त होने में मदद करती है।
सती, सात बोधिअंगों में से पहला और अष्टांगिक मार्ग का सातवाँ अंग है। यह बौद्ध धर्म में एक महत्वपूर्ण अभ्यास है जो हमें दुखों से मुक्ति और निर्वाण प्राप्ति की ओर ले जाता है।