Namdev

नामदेव

Namdev

(Hindu Bhakti Saint from the medieval era)

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नामदेव: एक महान संत

नामदेव, जिन्हें नामदेव, नाम दैव और नामादेव जैसे नामों से भी जाना जाता है, एक महान मराठी संत थे। वे भगवान विट्ठल के परम भक्त और वारकरी संप्रदाय के प्रमुख स्तंभ थे।

जीवन परिचय:

  • नामदेव का जन्म लगभग 26 अक्टूबर 1270 ईस्वी को नरसी, हिंगोली, महाराष्ट्र में हुआ था।
  • उनका निधन लगभग 3 जुलाई 1350 ईस्वी को हुआ था।
  • उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान विट्ठल की भक्ति में समर्पित कर दिया।

योगदान:

  • भजन-कीर्तन: नामदेव ने भगवान विट्ठल के प्रति अपनी भक्ति को व्यक्त करने के लिए सरल और मधुर भजन-कीर्तन की रचना की। यह भजन आज भी महाराष्ट्र और भारत के अन्य हिस्सों में बहुत लोकप्रिय हैं।
  • वारकरी संप्रदाय: नामदेव वारकरी संप्रदाय के प्रमुख संतों में से एक थे। यह संप्रदाय भगवान विट्ठल की भक्ति पर केंद्रित है और हर साल पंढरपुर की वारी निकालता है।
  • दार्शनिक विचार: नामदेव के दर्शन में निर्गुण और सगुण दोनों प्रकार के ब्रह्म का समावेश है। उनके विचारों में एकेश्वरवाद और भक्ति भावना का सुंदर समन्वय देखने को मिलता है।

प्रभाव:

  • नामदेव के भजन आज भी वारकरी संप्रदाय के अनुयायियों द्वारा गाए जाते हैं।
  • उनके भजन गुरु ग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं, जो सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ है।
  • दादू पंथी और कबीर पंथी जैसे उत्तर भारतीय संप्रदायों पर भी नामदेव का गहरा प्रभाव रहा है।

सारांश:

नामदेव एक महान संत, कवि और समाज सुधारक थे। उन्होंने अपनी भक्ति और शिक्षाओं से लाखों लोगों को प्रभावित किया। उनका जीवन और कार्य आज भी हमें ईश्वर की भक्ति और मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित करते हैं।


Namdev, also transliterated as Nam Dayv, Namdeo, Namadeva, was a Marathi Vaishnava saint from Narsi, Hingoli, Maharashtra, Medieval India within the Varkari tradition of Hinduism. He was as a devotee of the deity Vithoba of Pandharpur.



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