Tritiya

तृतीया

Tritiya

(Third day of the lunar fortnight)

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तृतीया: हिन्दू कैलेंडर का तीसरा दिन

हिन्दू कैलेंडर में तृतीया (संस्कृत: 'तीसरा') चांद्र पक्ष (पक्ष) का तीसरा दिन होता है। प्रत्येक महीने में दो तृतीया तिथियाँ होती हैं, जो क्रमशः "शुक्ल" (उज्ज्वल) और "कृष्ण" (अंधेरा) पक्ष के तीसरे दिन होती हैं। कन्नड़ भाषा में इसे तादिगे कहा जाता है।

तृतीया तिथि का महत्व:

  • शुक्ल पक्ष तृतीया: इस तिथि को अक्षय तृतीया के रूप में जाना जाता है जो धन, समृद्धि और शुभता का प्रतीक है। इस दिन लोग दान-पुण्य करते हैं, नए कार्यों की शुरुआत करते हैं और नए वस्त्र खरीदते हैं।
  • कृष्ण पक्ष तृतीया: इस तिथि को भद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि शुभ कार्यों के लिए अशुभ मानी जाती है। इस दिन यात्रा करने या नए कार्य शुरू करने से बचना चाहिए।

तृतीया तिथि के बारे में और जानकारी:

  • तृतीया तिथि का समय लगातार बदलता रहता है, यह स्थान और वर्ष के अनुसार भिन्न होता है।
  • तृतीया तिथि को अनेक देवी-देवताओं से जोड़ा जाता है, जैसे कि अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
  • इस दिन विशेष पूजा-पाठ और अनुष्ठान किए जाते हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों और समुदायों में भिन्न होते हैं।

निष्कर्ष:

तृतीया तिथि हिन्दू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण दिन है, जो अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वों से जुड़ा है। इस दिन विशेष पूजा-पाठ, अनुष्ठान और परंपराएँ निभाई जाती हैं।


Tritiya is the third day in the lunar fortnight (Paksha) of the Hindu calendar. Each month has two Tritiya days, being the third day of the "bright" (Shukla) and of the "dark" (Krishna) fortnights respectively. It is called as Tadige in Kannada.



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