Chan_Buddhism

चान बौद्ध धर्म

Chan Buddhism

(Chinese school of Mahāyāna Buddhism)

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चान बौद्ध धर्म: ध्यान और सादगी का मार्ग (हिंदी में विस्तृत विवरण)

चान (चीनी: 禪, सरलीकृत चीनी: 禅, पिनयिन: Chán), संस्कृत शब्द "ध्यान" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "ध्यान" या "ध्यान की अवस्था"। यह महायान बौद्ध धर्म की एक चीनी शाखा है जो 6वीं शताब्दी ईस्वी में चीन में विकसित हुई और तांग और सोंग राजवंशों के दौरान विशेष रूप से लोकप्रिय हुई।

चान दरअसल जेन बौद्ध धर्म का मूल परंपरा है (जेन, जापानी उच्चारण है)। चान बौद्ध धर्म चीन से दक्षिण में वियतनाम में थिएन के रूप में और उत्तर में कोरिया में सेओन के रूप में फैल गया। 13 वीं शताब्दी में, यह पूर्व में जापान में जापानी जेन के रूप में स्थापित हुआ।

चान बौद्ध धर्म की प्रमुख विशेषताएं:

  • ध्यान पर ज़ोर: ध्यान को आत्मज्ञान प्राप्त करने का सबसे सीधा रास्ता माना जाता है।
  • अनुभव की प्राथमिकता: बौद्ध ग्रंथों के अंधविश्वासपूर्ण पालन की बजाय व्यक्तिगत अनुभव और आत्म-साक्षात्कार पर ज़ोर दिया जाता है।
  • साधारण जीवन: चान बौद्ध धर्म सादगी और स्वाभाविकता को महत्व देता है, और साधु अक्सर मठों में रहकर ध्यान और शारीरिक श्रम करते हैं।
  • गुरु-शिष्य परंपरा: एक शिक्षक का मार्गदर्शन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शिक्षक, शिष्य को भ्रमों से मुक्त होने और आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।

चान बौद्ध धर्म का प्रभाव:

चान बौद्ध धर्म ने चीनी संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया है, खासकर कला, साहित्य, दर्शन और मार्शल आर्ट में।

आज, चान बौद्ध धर्म दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा अपनाया जाता है और ध्यान, मनन और सादगी का मार्ग प्रदान करता है।


Chan, from Sanskrit dhyāna, is a Chinese school of Mahāyāna Buddhism. It developed in China from the 6th century CE onwards, becoming especially popular during the Tang and Song dynasties.



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