Nitnem

नित्नेम

Nitnem

(Daily prayers in Sikhism)

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निटनेम: सिख धर्म में दैनिक प्रार्थनाएँ

निटनेम (पंजाबी: ਨਿਤਨੇਮ, अर्थ: 'दैनिक दिनचर्या') सिख धर्म के कुछ विशेष गुरुवाणी (गुरुओं द्वारा रचित भजन) का एक संग्रह है, जिन्हें दिन में कम से कम तीन बार पढ़ा जाना चाहिए। ये प्रार्थनाएँ अमृतधारी सिखों के लिए अनिवार्य हैं, जैसा कि सिख रिहत मरयादा में बताया गया है।

निटनेम में पांच प्रमुख भजन (पांच बाणी) शामिल हैं जिन्हें अमृत वेला (सुबह जल्दी) में पढ़ा जाता है। इसके अलावा शाम को रेह्रास साहिब और रात को कीर्तन सोहिला पढ़ा जाता है। सुबह और शाम की प्रार्थनाओं के बाद अर्दास (भगवान से प्रार्थना) करना चाहिए।

निटनेम में शामिल प्रमुख भजन:

  • अमृत वेला:

    • जाप साहिब
    • जपजी साहिब
    • तव प्रसादि
    • शबद हजारी
    • सुखमनी साहिब
  • शाम:

    • रेह्रास साहिब
  • रात:

    • कीर्तन सोहिला

निटनेम में और भी प्रार्थनाएं शामिल की जा सकती हैं, लेकिन ये पांच बाणी अनिवार्य हैं। निटनेम सिख धर्म में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो भगवान के साथ एक नियमित संबंध बनाए रखने में मदद करता है और आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध करता है।


Nitnem is a collection of Sikh hymns (Gurbani) to be read minimally 3 different times of the day. These are mandatory and to be read by every Amritdhari Sikh as expressed in the Sikh Rehat Maryada. Optionally additional prayers may be added to a Sikh's nitnem. There are five hymns (Five Banis) to be done during Amrit Vela, the Rehras Sahib hymn for the evening and Kirtan Sohila for the night. The morning and evening prayers should be followed by an Ardaas.



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