गर्ग (ऋषि)
Garga (sage)
(Sage in Hinduism)
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गार्ग ऋषि: वेद ज्ञान और ज्योतिष विद्या के ज्ञाता
गार्ग एक प्राचीन भारतीय ऋषि थे, जिन्होंने ऋग्वेद में एक मंत्र की रचना की थी। वे भारद्वाज ऋषि के वंशज थे, इसलिए उन्हें गार्ग भारद्वाज भी कहा जाता है।
गार्ग ऋषि का जीवन:
- वंश: गार्ग ऋषि भारद्वाज गोत्र के थे, और उनके पिता का नाम त्रिषश्त था।
- ज्ञान: गार्ग ऋषि वेदों, ज्योतिष विद्या, धर्मशास्त्र, और न्यायशास्त्र के विद्वान थे।
- ऋग्वेद मंत्र: गार्ग ऋषि ने ऋग्वेद के दसवें मंडल में एक मंत्र की रचना की थी।
- पुत्र: गार्ग ऋषि के कई पुत्र थे, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध थे वशिष्ठ और विश्वामित्र।
गार्ग ऋषि के प्रमुख योगदान:
- ज्योतिष विद्या: गार्ग ऋषि ज्योतिष विद्या के एक माना जाता था, और उनकी ज्योतिष ग्रंथ "गार्ग संहिता" आज भी पढ़ी जाती है।
- धर्मशास्त्र: गार्ग ऋषि ने धर्मशास्त्र और न्यायशास्त्र पर भी लेखन किया था।
- वैदिक ज्ञान: गार्ग ऋषि वैदिक ज्ञान के एक प्रमुख प्रचारक थे, और उनके शिक्षण बहुत प्रभावशाली थे।
गार्ग ऋषि की विरासत:
आज भी गार्ग ऋषि को वेदों और ज्योतिष विद्या के एक महान ज्ञाता के रूप में याद किया जाता है। उनकी विरासत वैदिक संस्कृति में आज भी जीवंत है।
Garga was an ancient Indian sage who composed a Rigveda hymn. He is also known as Garga Bhāradvāja to distinguish him from other people of same name.