Jainism_in_Pakistan

पाकिस्तान में जैन धर्म

Jainism in Pakistan

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पाकिस्तान में जैन धर्म (विस्तृत विवरण हिंदी में)

हालांकि आज पाकिस्तान में जैन धर्म के अनुयायी बहुत कम हैं, लेकिन इस देश का जैन धर्म से एक प्राचीन और समृद्ध इतिहास जुड़ा हुआ है। पूरे पाकिस्तान में कई प्राचीन जैन मंदिर और तीर्थ स्थल बिखरे हुए हैं जो इस बात के गवाह हैं कि जैन धर्म का इस क्षेत्र में कितना प्रभाव था।

बाबा धरम दास: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सियालकोट शहर के पास, पसरूर में चावinda फाटक के करीब देवका (या देवकय, देघ) नामक नाले के किनारे बाबा धरम दास की मजार स्थित है। यह पवित्र स्थान कृषि कार्यालय के पीछे स्थित है। बाबा धरम दास एक प्रसिद्ध जैन साधु थे और उनकी मजार आज भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।

आचार्य विजयानंद सूरी: गुजरांवाला शहर भी एक समय जैन धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र था। यहाँ आचार्य विजयानंद सूरी नामक एक प्रसिद्ध जैन साधु रहा करते थे। उनकी समाधि आज भी गुजरांवाला शहर में मौजूद है जो जैन धर्म के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाती है।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद, जैन समुदाय के अधिकांश लोग पाकिस्तान छोड़कर भारत चले गए। इसके बावजूद, पाकिस्तान में मौजूद जैन धर्म के प्राचीन स्थल इस उपमहाद्वीप में जैन धर्म के समृद्ध इतिहास और विरासत की गवाही देते हैं।


Jainism in Pakistan has an extensive heritage and history, with several ancient Jain shrines scattered across the country. Baba Dharam Dass was a holy man whose tomb is located near the bank of a creek called near Chawinda Phatic, behind the agricultural main office in Pasrur, near the city of Sialkot in Punjab, Pakistan. Another prominent Jain monk of the region was Vijayanandsuri of Gujranwala, whose samadhi still stands in the city.



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