
तमिलनाडु में जैन धर्म
Jainism in Tamil Nadu
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जैन धर्म और तमिलनाडु: एक विस्तृत विवरण (Jainism and Tamil Nadu: A Detailed Description)
तमिलनाडु में जैन धर्म का एक समृद्ध और प्राचीन इतिहास रहा है, हालाँकि आज के समय में तमिल आबादी का एक छोटा सा हिस्सा ही इस धर्म का पालन करता है। 2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, तमिलनाडु की कुल आबादी का केवल 0.12% ही जैन धर्म का पालन करता है, और ये मुख्य रूप से दिगंबर संप्रदाय से संबंधित हैं।
तमिल जैन मुख्यतः उत्तरी तमिलनाडु में केंद्रित हैं, खासकर मदुरै, विल्लुपुरम, कांचीपुरम, वेल्लोर, तिरुवन्नामलाई, कडलूर और तंजावुर जिलों में।
आइए इस संक्षिप्त विवरण को और विस्तार से समझते हैं:
- प्राचीन जड़ें: जैन धर्म तमिलनाडु में बहुत पहले ही पहुँच गया था, संभवतः मौर्य सम्राट अशोक के समय में।
- साहित्यिक प्रमाण: तमिल साहित्य में, विशेष रूप से संगम साहित्य में जैन धर्म का उल्लेख मिलता है, जो जैन धर्म के तमिल संस्कृति पर प्रभाव को दर्शाता है।
- दिगंबर परंपरा: तमिलनाडु में जैन धर्म मुख्य रूप से दिगंबर परंपरा का पालन करता है, जो सादगी और कठोर तपस्या पर जोर देता है।
- प्रमुख मंदिर: तमिलनाडु में कई प्राचीन और भव्य जैन मंदिर हैं, जो तमिल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध मंदिर हैं -
- तिरुमाला जैन मंदिर,
- चिथन्नावासल गुफा मंदिर,
- संवराकोईल मंदिर।
- सांस्कृतिक प्रभाव: जैन धर्म का तमिल भाषा, कला, और संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
हालांकि आज तमिलनाडु में जैन धर्म अल्पसंख्यक धर्म है, लेकिन इसका इतिहास और विरासत अभी भी राज्य के सांस्कृतिक ताने-बाने का एक अभिन्न अंग है।
Jainism has an extensive history in the Indian state of Tamil Nadu, although practiced by a minority of Tamils in contemporary times. According to the 2011 India Census, Jains represent 0.12% of the total population of Tamil Nadu, and are of the Digambara sect. Tamil Jains are primarily concentrated in northern Tamil Nadu, in the districts of Madurai, Viluppuram, Kanchipuram, Vellore, Tiruvannamalai, Cuddalore and Thanjavur.