
पवित्र भाषा
Sacred language
(Language that is cultivated for religious reasons)
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पवित्र भाषा: धर्म के लिए समर्पित
पवित्र भाषा या धार्मिक भाषा ऐसी भाषा होती है जो मुख्य रूप से धार्मिक कारणों से उपयोग की जाती है, जैसे कि प्रार्थना, पूजा, धार्मिक ग्रंथों का पाठ, और धार्मिक अनुष्ठान। यह रोजमर्रा की जिंदगी में बोली जाने वाली भाषा से अलग होती है।
आसान भाषा में समझें:
मान लीजिए आप हिंदी बोलते हैं, लेकिन मंदिर में पूजा करते समय संस्कृत भाषा का उपयोग करते हैं। यह इसलिए क्योंकि संस्कृत को हिंदू धर्म में पवित्र भाषा माना जाता है। इसी तरह, इस्लाम में अरबी, ईसाई धर्म में लैटिन, और यहूदी धर्म में हिब्रू को पवित्र भाषा माना जाता है।
पवित्र भाषाओं का महत्व:
- धार्मिक ग्रंथों की भाषा: अधिकांश धर्मों के पवित्र ग्रंथ पवित्र भाषाओं में लिखे गए हैं।
- पूजा और प्रार्थना का माध्यम: पवित्र भाषा को ईश्वर से जुड़ने का एक पवित्र और सम्मानजनक तरीका माना जाता है।
- सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक: पवित्र भाषाएं उस धर्म और संस्कृति से जुड़े इतिहास, परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित रखने में मदद करती हैं।
कुछ उदाहरण:
- हिंदू धर्म: संस्कृत
- इस्लाम: अरबी
- ईसाई धर्म: लैटिन, ग्रीक, चर्च स्लावोनिक
- यहूदी धर्म: हिब्रू
- सिख धर्म: पंजाबी (गुरुमुखी लिपि में)
ध्यान रखें:
हालांकि पवित्र भाषाओं का धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है, लेकिन इनका उपयोग रोजमर्रा की जिंदगी में कम ही होता है।
A sacred language, holy language or liturgical language is a language that is cultivated and used primarily for religious reasons by people who speak another, primary language in their daily lives.