श्री शैल
Shri Shail
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Summary
श्री श्री महालक्ष्मी भैरबी गृह महा पीठ
श्री श्री महालक्ष्मी भैरबी गृह महा पीठ बांग्लादेश के सिलहट शहर से 3 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में, गोताटिकर के पास, दक्षिण सुरमा के जॉइनपुर गाँव में स्थित एक शक्तिपीठ है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक है।
पौराणिक महत्व: हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार, देवी सती के शरीर के विभिन्न अंग पृथ्वी पर अलग-अलग स्थानों पर गिरे थे, और इन स्थानों पर शक्तिपीठ स्थापित हुए। यहाँ देवी सती का ग्रीवा (गर्दन) गिरा था, जिसके कारण इस स्थान को विशेष पवित्रता प्राप्त है।
देवी का स्वरूप: इस शक्तिपीठ में देवी को महालक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है। यहाँ भैरव का स्वरूप सम्बरानन्द है। महालक्ष्मी, लक्ष्मी जी का ही एक विशिष्ट और शक्तिशाली रूप हैं, जो समृद्धि, धन, और ऐश्वर्य की देवी हैं। भैरव, शिव के ही एक भयानक लेकिन रक्षक रूप हैं, जो देवी की रक्षा करते हैं और दुष्टों का नाश करते हैं।
मंदिर और पूजा: मंदिर की वास्तुकला और पूजा विधि के बारे में विस्तृत जानकारी वर्तमान में सीमित है। हालांकि, यह स्थान भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है जहाँ वे देवी महालक्ष्मी और भैरव सम्बरानन्द की आराधना करते हैं। यहाँ विभिन्न प्रकार के पूजा अनुष्ठान और अनुष्ठान किए जाते हैं, जो देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं।
स्थान: जॉइनपुर गाँव, दक्षिण सुरमा, गोताटिकर के निकट, सिलहट, बांग्लादेश। यह स्थान सिलहट शहर से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
महत्व: श्री श्री महालक्ष्मी भैरबी गृह महा पीठ केवल एक मंदिर नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिकता और भक्ति का एक केंद्र है जहाँ भक्त शक्ति की उपासना करते हैं और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं। यह स्थान हिन्दू धर्म के इतिहास और पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।