
विमला मंदिर
Vimala Temple
(Hindu temple of goddess Vimala in Puri, India)
Summary
विमला मंदिर: जगन्नाथ धाम की शक्ति पीठ (Bimala Temple: The Shakti Peeth of Jagannath Dham)
यह लेख विकिपीडिया से ली गई जानकारी पर आधारित है और इसे सरल हिंदी में विस्तार से समझाया गया है:
परिचय:
विमला मंदिर, जिसे बिमला मंदिर भी कहा जाता है, देवी विमला (ବିମଳା) को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर ओडिशा राज्य के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर परिसर के भीतर स्थित है। यह हिंदू धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है और इसे शक्ति पीठ माना जाता है।
स्थिति और बनावट:
विमला मंदिर जगन्नाथ मंदिर परिसर के अंदरूनी घेरे के दक्षिण-पश्चिम कोने में और जगन्नाथ मंदिर के शिखर के पश्चिमी कोने पर, पवित्र रोहिणी कुंड के बगल में स्थित है। यह मंदिर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बना हुआ है। यह बलुआ पत्थर और लेटेराइट से निर्मित है। यह 'देउला' शैली में बना हुआ है, जिसमें चार मुख्य भाग होते हैं:
- विमान: यह मंदिर का सबसे ऊँचा भाग होता है जिसके अंदर गर्भगृह होता है जहाँ देवी विमला की मूर्ति स्थापित है।
- जगमोहन: यह मंदिर का वह भाग होता है जहाँ श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं।
- नट-मंडप: यह मंदिर का वह भाग होता है जहाँ त्योहारों और उत्सवों के दौरान नृत्य और संगीत का आयोजन किया जाता है।
- भोग-मंडप: यह मंदिर का वह भाग होता है जहाँ देवी को भोग अर्पित किया जाता है।
मंदिर का जीर्णोद्धार 2005 के आसपास किया गया था और इसका रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भुवनेश्वर मंडल द्वारा किया जाता है।
महत्व:
हालांकि यह मंदिर परिसर में एक छोटा सा मंदिर है, विमला मंदिर देवी-उन्मुख शाक्त और तांत्रिक उपासकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वे इसे मुख्य जगन्नाथ मंदिर से भी अधिक पूजनीय मानते हैं। विमला को जगन्नाथ की तांत्रिक पत्नी और मंदिर परिसर की संरक्षक माना जाता है। भक्त मुख्य मंदिर में जगन्नाथ की पूजा करने से पहले विमला को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। जगन्नाथ को अर्पित किया गया भोजन तब तक 'महाप्रसाद' के रूप में पवित्र नहीं होता जब तक कि वह विमला को भी अर्पित न कर दिया जाए। अश्विन (अक्टूबर) के हिंदू महीने में देवी-उन्मुख त्योहार दुर्गा पूजा विजयादशमी के साथ समाप्त होने वाले सोलह दिनों तक विमला में मनाया जाता है।
संक्षेप में:
विमला मंदिर, जगन्नाथ धाम का एक अभिन्न अंग और शक्ति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह मंदिर न केवल अपनी स्थापत्य कला के लिए बल्कि अपनी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है।