Brahmarshi

ब्रह्मर्षि

Brahmarshi

(Highest class of Hindu sages)

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ब्रह्मर्षि: हिंदू धर्म में सर्वोच्च ज्ञानी

हिंदू धर्म में, ब्रह्मर्षि (संस्कृत में ब्रह्मर्षि, ब्रह्म और ऋषि का तत्पुरुष समास) ऋषियों ("दृष्टि वाले" या "मुनि") के सर्वोच्च वर्ग का सदस्य होता है। ब्रह्मर्षि एक ऐसा मुनि होता है जिसने ब्रह्म के अर्थ को पूरी तरह से समझकर ज्ञानोदय (कैवल्य या मोक्ष) प्राप्त कर लिया है और जीवन्मुक्त हो गया है।

ब्रह्मर्षि को सर्वोच्च दिव्य ज्ञान, अनंत ज्ञान (सर्वज्ञता) और ब्रह्मज्ञान प्राप्त होता है, जो आत्मज्ञान है। जब ब्रह्मर्षि की मृत्यु होती है, तो वह परमुकति प्राप्त करता है और संसार, जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है।

ब्रह्मर्षि होने के कुछ प्रमुख लक्षण:

  • ब्रह्मज्ञान: ब्रह्मर्षि को ब्रह्म के सार को समझने का गहरा ज्ञान प्राप्त होता है।
  • मोक्ष: ब्रह्मर्षि संसार के बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष की अवस्था को प्राप्त करता है।
  • जीवन्मुक्त: ब्रह्मर्षि अभी भी शरीर में रहते हुए भी मोक्ष की अवस्था का अनुभव करता है।
  • अनंत ज्ञान: ब्रह्मर्षि को सभी ज्ञानों का ज्ञान, यानी सर्वज्ञता प्राप्त होती है।

कई प्रसिद्ध ब्रह्मर्षि:

  • नारद: नारद को देवर्षि (देवताओं का ऋषि) भी कहा जाता है।
  • वशिष्ठ: वेदों के ज्ञाता और राम के पितामह
  • विश्वामित्र: एक महान योद्धा और ऋषि जो ब्रह्मर्षि बन गया।
  • गौतम: एक महान ऋषि और बुद्धिमत्ता के प्रतीक

ब्रह्मर्षि हिंदू धर्म में ज्ञान, मोक्ष और आध्यात्मिकता के उच्चतम आदर्श का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे हमें जीवन के उद्देश्य और ब्रह्म के साथ मिलन की राह दिखाते हैं।


In Hinduism, a Brahmarshi is a member of the highest class of Rishis. A Brahmarshi is a sage who has attained enlightenment and became a Jivanmukta by completely understanding the meaning of Brahman and has attained the highest divine knowledge, infinite knowledge (omniscience) and self knowledge called Brahmajnana. When a Brahmarshi dies he attains Paramukti and frees himself from Samsara, the cycle of birth and death.



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