Jainism_in_Africa

अफ्रीका में जैन धर्म

Jainism in Africa

(Ethnic group)

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जैन धर्म का अफ्रीका में इतिहास: एक विस्तृत नज़र

अगर हम यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम धर्म से तुलना करें, तो अफ्रीका में जैन धर्म का इतिहास अपेक्षाकृत नया और संक्षिप्त है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि जैन धर्म का अफ्रीका में कोई प्रभाव नहीं है।

वर्तमान स्थिति:

  • अनुमानतः २०,००० जैन धर्मावलम्बी अफ्रीका में रहते हैं।
  • लगभग १० जैन संस्थाएँ अफ्रीका में सक्रिय हैं, जो धार्मिक शिक्षा, सामाजिक कार्यों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देती हैं।

इतिहास:

हालांकि जैन धर्म का अफ्रीका में प्राचीन काल में कोई प्रमाण नहीं मिलता है, लेकिन पिछली कुछ शताब्दियों में व्यापार और प्रवास के कारण कुछ जैन समुदाय अफ्रीका में बस गए। विशेष रूप से, भारत से आने वाले व्यापारी जैन धर्म को पूर्वी अफ्रीका के देशों जैसे कि केन्या, तंजानिया और युगांडा में लेकर आए।

प्रभाव:

अफ्रीकी समाज में जैन धर्म का प्रभाव मुख्यतः अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह जैसे नैतिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार के रूप में दिखाई देता है। जैन संस्थाएँ दान, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

भविष्य:

जैन समुदाय अफ्रीका में धीरे-धीरे लेकिन निरंतर बढ़ रहा है। साथ ही, जैन धर्म के सिद्धांतों जैसे की अहिंसा, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सद्भाव के प्रति वैश्विक स्तर पर बढ़ती रूचि के कारण, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में जैन धर्म का प्रभाव अफ्रीका में और भी अधिक दृश्यमान होगा।


The history of Jainism in Africa is relatively short when compared with the histories of Judaism, Christianity and Islam on the same continent. There are about 20,000 Jains and around 10 Jain organizations in Africa.



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