
मारा (राक्षस)
Mara (demon)
(Demonic celestial king who tempted Buddha)
Summary
मार : बौद्ध धर्म में प्रलोभन और मृत्यु का देवता
बौद्ध धर्म में, मार एक शक्तिशाली देवता है जिसे प्रलोभन, मृत्यु और पुनर्जन्म से जोड़ा जाता है। वह एक प्रकार का "असुर राजा" है जो मनुष्यों को मोक्ष (निर्वाण) प्राप्त करने से रोकने का प्रयास करता है।
मार को अक्सर क्रोध, घृणा, भय और वासना जैसी नकारात्मक भावनाओं के रूप में दर्शाया जाता है जो मनुष्यों को अंदर ही अंदर ग्रसित करती हैं।
सिद्धार्थ गौतम और मार का संघर्ष:
बौद्ध ग्रंथों में मार और सिद्धार्थ गौतम (बुद्ध) के बीच हुए संघर्ष का विस्तृत वर्णन मिलता है। जब सिद्धार्थ ज्ञान प्राप्ति के लिए तपस्या कर रहे थे, तब मार ने उन्हें विचलित करने और मोक्ष के मार्ग से भटकाने के लिए कई प्रयास किये।
मार ने सिद्धार्थ के सामने भयानक तूफान, राक्षसों की सेना और मोहक अप्सराओं का जाल बिछाया। कुछ कथाओं में, इन अप्सराओं को मार की पुत्रियाँ बताया गया है। मार का उद्देश्य था कि सिद्धार्थ इन प्रलोभनों में फंस जाएँ और अपना लक्ष्य भूल जाएँ।
परन्तु सिद्धार्थ अडिग रहे और उन्होंने मार के सभी प्रलोभनों को अस्वीकार कर दिया। अंततः हारकर मार को पीछे हटना पड़ा और सिद्धार्थ को ज्ञान की प्राप्ति हुई।
मार का प्रतीकात्मक अर्थ:
बौद्ध धर्म में मार का एक गहरा प्रतीकात्मक अर्थ भी है। वह उन सभी आंतरिक और बाहरी बाधाओं का प्रतिनिधित्व करता है जो हमें हमारे आध्यात्मिक विकास में बाधा डालती हैं।
- आंतरिक बाधाएं: क्रोध, लोभ, मोह, घृणा, अहंकार, ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाएं जो हमारे मन को दूषित करती हैं।
- बाहरी बाधाएं: दुःख, पीड़ा, हानि, असफलता, आलोचना, प्रलोभन जैसी परिस्थितियाँ जो हमें विचलित करती हैं।
बौद्ध धर्म के अनुसार, मार पर विजय प्राप्त करने का अर्थ है, इन सभी नकारात्मक भावनाओं और बाधाओं पर विजय प्राप्त करना। यह एक सतत संघर्ष है जो मनुष्य को जीवन भर करना पड़ता है।