
चीनी गूढ़ बौद्ध धर्म
Chinese Esoteric Buddhism
(Traditions of Vajrayana Buddhism)
Summary
चीनी गूढ़ बौद्ध धर्म (Chinese Esoteric Buddhism) : एक विस्तृत विवरण
चीनी गूढ़ बौद्ध धर्म, तंत्र और गूढ़ बौद्ध धर्म की उन परंपराओं को संदर्भित करता है जो सदियों से चीनी लोगों के बीच फली-फूली हैं। इस धारा का प्रारंभ 716 से 720 ईस्वी के बीच तांग वंश के सम्राट ज़ुआनज़ोंग के शासनकाल के दौरान हुआ था। इस दौरान, तीन प्रख्यात तांत्रिक गुरुओं - शुभकरसिंह, वज्रबोधि और अमोघवज्र - ने मिलकर चीनी गूढ़ बौद्ध धर्म की नींव रखी जिसे 'झेनयान' (真言) परंपरा के नाम से जाना जाता है। 'झेनयान' का अर्थ है 'सच्चा वचन' या 'मंत्र'।
झेनयान परंपरा, बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह तांत्रिक प्रथाओं पर केंद्रित है। इन प्रथाओं में शामिल हैं:
- मंडल: जटिल ज्यामितीय आकृतियाँ जो ब्रह्मांड और विभिन्न देवी-देवताओं के निवास स्थान को दर्शाती हैं।
- मंत्र: पवित्र ध्वनियाँ या शब्दांश जिनका जाप ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है।
- मुद्रा: हाथों और उंगलियों की विशिष्ट मुद्राएं जो विभिन्न ऊर्जाओं को सक्रिय करने और ध्यान को गहरा करने में सहायक मानी जाती हैं।
- अभिषेक: गुरु द्वारा शिष्य को दी जाने वाली एक आध्यात्मिक दीक्षा जो उन्हें तांत्रिक प्रथाओं को करने की अनुमति देती है।
- देवता योग: एक प्रकार का ध्यान जिसमें साधक अपने इष्ट देव या देवी के साथ तादात्म्य स्थापित करने का प्रयास करता है।
झेनयान परंपरा का जापान, कोरिया और वियतनाम जैसे देशों में भी व्यापक प्रभाव पड़ा। जापान में इसे शिंगोन बौद्ध धर्म के रूप में जाना जाता है, जिसकी स्थापना कुकाई नामक बौद्ध भिक्षु ने की थी।
सोंग वंश (960-1279) के शासनकाल के दौरान गूढ़ बौद्ध ग्रंथों का दूसरा प्रसार हुआ, जिससे यह परंपरा और भी समृद्ध हुई। बाद के शाही काल में भी गूढ़ बौद्ध प्रथाओं का प्रभाव बना रहा और युआन वंश के दौरान तिब्बती बौद्ध धर्म का भी इस पर गहरा प्रभाव पड़ा।
हालांकि, मिंग वंश (1368-1644) के आते तक गूढ़ प्रथाओं और शिक्षाओं का अन्य चीनी बौद्ध परंपराओं में विलय होने लगा। आज भी चीनी बौद्ध धर्म के विभिन्न रूपों में गूढ़ तत्वों को देखा जा सकता है।
चीनी भाषा में, इन परंपराओं को 'मीजियाओ' (密教 - गूढ़ शिक्षा), 'मीज़ोंग' (密宗 - गूढ़ परंपरा) या 'तांगमी' (唐密 - तांग गूढ़ता) के रूप में भी जाना जाता है।