
हेनरी लॉरेंस (भारतीय सेना अधिकारी)
Henry Lawrence (Indian Army officer)
(British Army officer (1806–1857))
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सर हेनरी मोंटगोमेरी लॉरेंस: एक महान ब्रिटिश अधिकारी
सर हेनरी मोंटगोमेरी लॉरेंस, (28 जून 1806 - 4 जुलाई 1857) एक ब्रिटिश सैन्य अधिकारी, सर्वेक्षणकर्ता, प्रशासक और ब्रिटिश भारत में राजनेता थे। उन्हें पंजाब में प्रशासकों के एक समूह, जिन्हें प्यार से "हेनरी लॉरेंस के युवा पुरुष" के नाम से जाना जाता था, के नेतृत्व के लिए, लॉरेंस सैन्य आश्रमों के संस्थापक के रूप में और 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान लखनऊ की घेराबंदी में उनकी मृत्यु के लिए जाना जाता है।
जीवन और करियर:
- प्रारंभिक जीवन: सर हेनरी मोंटगोमेरी लॉरेंस का जन्म 28 जून 1806 को इंग्लैंड के लंदन में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा इंग्लैंड में प्राप्त की और फिर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में शामिल हो गए।
- सर्वेक्षणकर्ता और प्रशासक: लॉरेंस एक कुशल सर्वेक्षणकर्ता थे और उन्होंने भारत में कई महत्वपूर्ण सर्वेक्षण किए। 1830 के दशक में उन्होंने पंजाब में काम किया, जहाँ उन्होंने क्षेत्र की राजनीति और संस्कृति का गहरा अध्ययन किया।
- पंजाब में भूमिका: 1840 के दशक में लॉरेंस पंजाब के प्रशासनिक विभाग में शामिल हो गए। उन्हें "युवा पुरुष" के रूप में जाना जाने वाले एक समूह का नेतृत्व करने का श्रेय दिया जाता है, जिसमें जॉन लॉरेंस (हेनरी का भाई) और अन्य युवा अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने पंजाब में स्थिरता और शांति लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने शिक्षा, सिंचाई और न्यायिक सुधारों को बढ़ावा दिया।
- सैन्य सेवा: लॉरेंस सैन्य सेवा में भी शामिल थे और उन्होंने विभिन्न युद्धों में भाग लिया, जिसमें पंजाब की पहली और दूसरी अंग्रेजी-सिख युद्ध शामिल हैं।
- लॉरेंस सैन्य आश्रम: लॉरेंस ने सैन्य अधिकारियों की विधवाओं और अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए लॉरेंस सैन्य आश्रमों की स्थापना की, जो आज भी संचालित हैं।
- 1857 का विद्रोह: 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान लॉरेंस लखनऊ के मुख्य आयुक्त थे। उन्होंने शहर की रक्षा करने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन अंततः घेराबंदी के दौरान 4 जुलाई 1857 को उनकी मृत्यु हो गई।
विरासत:
- लॉरेंस को ब्रिटिश भारत में एक महान प्रशासक और नेता के रूप में याद किया जाता है। उन्हें पंजाब में उनके काम, सैन्य सेवा और सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया जाता है।
- लॉरेंस सैन्य आश्रम आज भी उनकी विरासत का प्रतीक हैं, जो सैन्य परिवारों के लिए महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान करते हैं।
- 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान उनकी बहादुरी और शहादत ने उन्हें एक राष्ट्रीय नायक का दर्जा दिया।
लॉरेंस का जीवन ब्रिटिश भारत में एक महान ब्रिटिश अधिकारी के रूप में उनके योगदान का प्रतीक है। उनके प्रशासनिक कौशल, सैन्य नेतृत्व और मानवीय कार्यों ने उन्हें इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बना दिया है।
Brigadier General Sir Henry Montgomery Lawrence, was a British military officer, surveyor, administrator and statesman in British India. He is best known for leading a group of administrators in the Punjab affectionately known as Henry Lawrence's "Young Men", as the founder of the Lawrence Military Asylums and for his death at the Siege of Lucknow during the Indian Rebellion of 1857.