Fakir_Azizuddin

फकीर अज़ीज़ुद्दीन

Fakir Azizuddin

(Foreign Minister of the Sikh Empire)

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फकीर अजीज-उद-दीन: एक बहुमुखी प्रतिभा

फकीर अजीज-उद-दीन (१७८०-१८४५) एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे जो एक चिकित्सक, भाषाविद, राजनयिक और महाराजा रणजीत सिंह के दरबार में विदेश मंत्री थे। उनका जन्म एक सैयद परिवार में हुआ था। वह मुस्लिम थे और रणजीत सिंह के धर्मनिरपेक्ष सिख साम्राज्य में कई गैर-सिखों में से एक थे।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

अजीज-उद-दीन हकीम गुलाम मोही-उद-दीन के सबसे बड़े बेटे थे। उनके दो भाई, नूर-उद-दीन और इमाम-उद-दीन, भी साम्राज्य में उच्च सैन्य पदों पर थे। अजीज-उद-दीन को एक चिकित्सक के रूप में प्रशिक्षित किया गया था और शुरू में उन्हें "हकीम" (चिकित्सक) के नाम से जाना जाता था। बाद में उन्होंने विनम्रता के प्रतीक के रूप में "फकीर" (भिक्षुक) की उपाधि धारण की। यह उपाधि १८२६ के बाद ब्रिटिश पत्राचार में दिखाई देती है।

रणजीत सिंह के दरबार में सेवा:

अजीज-उद-दीन का महाराजा रणजीत सिंह से पहला संपर्क एक चिकित्सक के रूप में हुआ था। महाराजा उनकी चिकित्सा कौशल और अरबी, फारसी और अंग्रेजी भाषाओं में प्रवीणता से प्रभावित हुए। उन्होंने अजीज-उद-दीन को एक जागीर और दरबार में एक पद प्रदान किया। उनका पहला बड़ा कार्य १८०९ में ब्रिटिशों के साथ हुई अमृतसर की संधि में महाराजा की सहायता करना था। १८१० से १८३८ तक, उन्होंने कई राजनयिक पदों पर काम किया और दुभाषिए के रूप में कार्य किया। महाराजा उन पर पूरा भरोसा करते थे और उन्हें सम्मान और जागीरों से पुरस्कृत किया।

रणजीत सिंह के बाद सेवा:

रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद, अजीज-उद-दीन ने सिख साम्राज्य की सेवा जारी रखी। दिसंबर १८३९ में, उन्होंने महाराजा खड़क सिंह का प्रतिनिधित्व करते हुए ब्रिटिश गवर्नर जनरल, लॉर्ड ऑकलैंड के पास एक मिशन पर काम किया। १८४२ में, महाराजा शेर सिंह की ओर से, उन्होंने फिरोजपुर में नए गवर्नर जनरल, लॉर्ड एलेनबरो का स्वागत किया। रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद साम्राज्य में फैले गुटों के षड्यंत्रों से दूर रहे।

निधन:

घटनाओं के मोड़ और अपने दो बेटों की मृत्यु से दुखी, अजीज-उद-दीन का 3 दिसंबर 1845 को लाहौर में 65 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

सारांश:

फकीर अजीज-उद-दीन एक बहुमुखी प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, जो एक कुशल चिकित्सक, भाषाविद और राजनयिक थे। उन्होंने महाराजा रणजीत सिंह और उनके उत्तराधिकारियों की सेवा की, और सिख साम्राज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


Fakir Aziz ud-Din was a physician, linguist, diplomat, and foreign minister at the court of Maharaja Ranjit Singh. He belonged to a Sayyid family. A Muslim and in one of many non-Sikhs in Ranjit Singh's secular government of the Sikh Empire.



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