Jainism_in_Gujarat

गुजरात में जैन धर्म

Jainism in Gujarat

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गुजरात में जैन धर्म (Jainism in Gujarat)

गुजरात में जैन धर्म का काफी प्रभाव रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार, गुजरात की आबादी का लगभग 0.959% जैन धर्म का पालन करता है। यहाँ कई प्राचीन जैन मंदिर हैं जो दुनिया भर के जैन तीर्थयात्रियों को आकर्षित करते हैं।

प्रमुख जैन तीर्थ स्थल (Important Jain Pilgrimage Sites):

  • पालिताना (Palitana): गुजरात के भावनगर जिले में स्थित पालिताना, जैन धर्म का एक अत्यंत पवित्र स्थल है। शत्रुंजय पहाड़ी पर स्थित, यहाँ 863 जैन मंदिर हैं जो अपनी भव्यता और कलात्मकता के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • तारंगा (Taranga): मेहसाणा जिले में स्थित तारंगा, जैन धर्म के पवित्र तीर्थंकर, श्री अजितनाथ भगवान को समर्पित है। यहाँ का तारंगा पहाड़ी मंदिर अपनी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।
  • शंखेश्वर (Sankheshwar): पाटन जिले में स्थित शंखेश्वर, जैन धर्म के 20वें तीर्थंकर, श्री मुनिसुव्रत स्वामी को समर्पित है। यहाँ का प्राचीन मंदिर अपनी शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है।
  • इडर (Idar): साबरकांठा जिले में स्थित इडर, जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यहाँ कई जैन मंदिर हैं, जिनमें से कुछ 10वीं शताब्दी के हैं।

महत्व (Significance):

गुजरात में जैन धर्म का प्रभाव न केवल धार्मिक स्थलों तक ही सीमित है, बल्कि यह यहाँ की संस्कृति, कला, वास्तुकला, और जीवनशैली में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। जैन धर्म के सिद्धांतों जैसे अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य का पालन गुजराती समाज में व्यापक रूप से देखा जा सकता है।


Jainism has had a notable following in Gujarat. According to the 2011 Census of India, around 0.959% of the population of Gujarat is Jain. There are several old Jain temples that draw pilgrims from Jains around the world in places such as Palitana, Taranga, Sankheshwar, Idar.



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