
फौज-ए-ऐन
Fauj-i-Ain
(Military unit)
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फौज-ए-ऐन: महाराजा रणजीत सिंह की नियमित सेना
फौज-ए-ऐन (पंजाबी: ਫੌਜ -ਏ-ਐਨ, फ़ारसी: فوج عین) सिख खालसा सेना का एक शाखा था और पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह की नियमित सेना थी। इसमें पैदल सेना, घुड़सवार सेना और तोपखाना इकाइयाँ शामिल थीं।
फौज-ए-ऐन के दो विभाग थे:
1. कम्पू-ए-मु'अल्ला (राज्य सैनिक): यह मुख्य सैनिक बल था जो नियमित सेना के रूप में कार्य करता था। इसमें विभिन्न प्रकार के सैनिक शामिल थे, जैसे:
- पैदल सेना: ये सैनिक विभिन्न हथियारों जैसे बंदूक, तलवार और भाले से लैस थे। ये सैनिक दुश्मन को टक्कर देने और लड़ाई में शामिल होने के लिए जिम्मेदार थे।
- घुड़सवार सेना: ये सैनिक घुड़सवारी करते थे और उनका उपयोग दुश्मन को घेरने, हमला करने और तेज गति से हमला करने के लिए किया जाता था।
- तोपखाना: यह सैनिक तोपों और अन्य बड़े हथियारों का उपयोग करके लड़ाई में शामिल होते थे।
2. फौज-ए-खास (विशेष बल): यह विशेष सैनिकों का एक छोटा लेकिन कुशल बल था जो महाराजा के निजी संरक्षण के लिए जिम्मेदार था।
फौज-ए-ऐन की शक्ति और संगठन ने महाराजा रणजीत सिंह को पंजाब को एक मजबूत और शक्तिशाली साम्राज्य में बदलने में मदद की। यह सेना कई युद्धों में विजयी रही और इसने पंजाब के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
The Fauj-i-Ain was a branch of the Sikh Khalsa Army and was the regular army of Maharaja Ranjit Singh of Punjab. It contained infantry, cavalry and artillery units. The Fauj-i-Ain had two divisions, the Kampu-i-mu'alla, and the Fauj-i-Khas.