East_India_Company

ईस्ट इंडिया कंपनी

East India Company

(British trading company (1600–1874))

Summary
Info
Image
Detail

Summary

ईस्ट इंडिया कंपनी: भारत में अंग्रेज़ी साम्राज्य का आधार

ईस्ट इंडिया कंपनी (EIC) एक अंग्रेज़ी कंपनी थी, जिसे 1600 में स्थापित किया गया था और 1874 में भंग कर दिया गया था। यह कंपनी शुरू में भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया (ईस्ट इंडीज) के साथ व्यापार करने के लिए बनाई गई थी, लेकिन बाद में इसका व्यापार पूर्वी एशिया तक फैल गया। धीरे-धीरे, इस कंपनी ने भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण कर लिया और दक्षिण पूर्व एशिया और हांगकांग के कुछ हिस्सों को उपनिवेशित कर लिया।

अपने चरम पर, यह कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी थी, जिसके पास लगभग 260,000 सैनिकों वाली अपनी स्वयं की सेना थी, जो उस समय की ब्रिटिश सेना से भी दोगुनी थी।

कंपनी की शुरुआत:

कंपनी को शुरू में "गवर्नर एंड कंपनी ऑफ मर्चेंट्स ऑफ लंदन ट्रेडिंग इनटू द ईस्ट-इंडीज" के नाम से जाना जाता था। 1700 के मध्य और 1800 के दशक की शुरुआत में, कंपनी दुनिया के आधे व्यापार को नियंत्रित करती थी। इसका व्यापार मुख्य रूप से कपास, रेशम, नील रंग, चीनी, नमक, मसाले, शोरा, चाय और बाद में अफीम जैसी बुनियादी वस्तुओं पर केंद्रित था। कंपनी ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव भी रखी।

भारत में कंपनी का वर्चस्व:

समय के साथ, कंपनी भारत के बड़े क्षेत्रों पर शासन करने लगी, जिससे उसकी सैन्य शक्ति बढ़ती गई और प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ भी बढ़ गईं। 1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद, कंपनी के शासन वाले क्षेत्रों का विस्तार हुआ और 1858 तक आधुनिक भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अधिकांश भाग कंपनी के नियंत्रण में आ गए या उसके साथ संधि द्वारा जुड़े हुए रियासतों के अधीन थे।

1857 का विद्रोह और कंपनी का पतन:

1857 का भारतीय विद्रोह कंपनी के शासन के लिए एक बड़ा झटका था। इस विद्रोह के बाद, 1858 का भारत सरकार अधिनियम पारित किया गया, जिसके तहत ब्रिटिश क्राउन ने सीधे भारत पर शासन शुरू कर दिया, जिसे ब्रिटिश राज के रूप में जाना जाता है।

कंपनी का अंत:

ईस्ट इंडिया कंपनी को 1874 में भंग कर दिया गया, क्योंकि 1858 का अधिनियम कंपनी को शक्तिहीन और अप्रासंगिक बना चुका था। कंपनी का सारा शासन और सेना ब्रिटिश राज को सौंप दिया गया।

कंपनी की विरासत:

ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा। इस कंपनी ने भारत में व्यापार, प्रशासन और सैन्य शक्ति में क्रांति ला दी। हालांकि, इसके शासन को अक्सर लूट, शोषण और अत्याचार से भी जोड़ा जाता है।

इस लेख में और क्या शामिल किया जा सकता है:

  • कंपनी की विभिन्न शाखाओं और उनके कामकाज का विस्तृत विवरण।
  • प्रमुख हस्तियों और उनके योगदान का विवरण।
  • कंपनी के व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों का विवरण।
  • कंपनी के भारत पर सांस्कृतिक प्रभाव का विश्लेषण।

यह लेख ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में अधिक विस्तार से जानकारी प्रदान करता है, जिसमें इसकी स्थापना से लेकर विघटन तक के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है।


The East India Company (EIC) was an English, and later British, joint-stock company founded in 1600 and dissolved in 1874. It was formed to trade in the Indian Ocean region, initially with the East Indies, and later with East Asia. The company gained control of large parts of the Indian subcontinent and colonised parts of Southeast Asia and Hong Kong. At its peak, the company was the largest corporation in the world by various measures and had its own armed forces in the form of the company's three presidency armies, totalling about 260,000 soldiers, twice the size of the British army at the time.



...
...
...
...
...
An unhandled error has occurred. Reload 🗙