Bhatt_Bhalh

भट्ट भल्ह

Bhatt Bhalh

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भट्ट भल्ह : गुरु अर्जन के दरबार के एक ब्राह्मण कवि

भट्ट भल्ह गुरु अर्जन के दरबार में रहने वाले एक ब्राह्मण कवि थे। सिर्फ़ उनका एक ही श्लोक गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल है, जो सिखों का पवित्र ग्रंथ है।

अधिक जानकारी:

  • भट्ट भल्ह के जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।
  • उनके श्लोक में गुरु अर्जन देव की स्तुति है और वे भगवान के गुणों का वर्णन करते हैं।
  • भट्ट भल्ह का श्लोक गुरु ग्रंथ साहिब के 'राग गौड़ी' में शामिल है।
  • उनके श्लोक का एक अंश इस प्रकार है: "सब में एक, एक में सब, न कोई दूसरा, न कोई दूसरा..."
  • उनका श्लोक सिख धर्म के मूल सिद्धांतों को दर्शाता है, जिसमें एकेश्वरवाद और सर्वव्यापी ईश्वर की उपस्थिति शामिल है।

निष्कर्ष:

भट्ट भल्ह एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे, जो गुरु अर्जन देव के दरबार से जुड़े थे। उनका श्लोक गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल होने के कारण सिख धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।


Bhatt Bhalh was a Brahmin bard in the court of Guru Arjan, whose one hymn is present in Guru Granth Sahib, the holy book of Sikhs.



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