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भट्ट भीका

Bhatt Bhika

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भट्ट भिका: गुरु अर्जन के दरबार के एक ब्राह्मण कवि

भट्ट भिका गुरु अर्जन के दरबार में एक ब्राह्मण कवि थे। गुरु ग्रंथ साहिब, सिखों की पवित्र पुस्तक में उनके दो भजन मौजूद हैं।

भट्ट भिका के जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। लेकिन उनकी रचनाओं से यह पता चलता है कि वह एक कुशल कवि थे और उन्हें धर्म और आध्यात्मिकता की गहरी समझ थी।

गुरु ग्रंथ साहिब में उनके दो भजन हैं:

  • "सब ते ऊँचा, सब ते नीचा" (पृष्ठ 1244): इस भजन में भट्ट भिका ने भगवान की महानता का वर्णन किया है, जो सब से ऊँचा और सब से नीचा है।
  • "सब ते बड़ा, सब ते छोटा" (पृष्ठ 1244): इस भजन में भट्ट भिका ने भगवान की सर्वव्यापीता का वर्णन किया है, जो सब से बड़ा और सब से छोटा है।

भट्ट भिका की रचनाएँ सिख धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में शामिल हैं और उनके भजन आज भी सिखों द्वारा गाए जाते हैं।


Bhatt Bhika was a Brahmin bard in the court of Guru Arjan, whose two hymns are present in Guru Granth Sahib, the holy book of Sikhs.



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