
गुलाब सिंह
Gulab Singh
(First Maharaja of Jammu and Kashmir from 1846–1856)
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महाराजा गुलाब सिंह जम्वाल: जम्मू और कश्मीर के संस्थापक
महाराजा गुलाब सिंह जम्वाल (१७९२-१८५७) जम्मू और कश्मीर की डोगरा वंश के संस्थापक और पहले महाराजा थे।
जम्मू और कश्मीर एक रियासत के रूप में:
- जम्मू और कश्मीर पहले पंजाब के अंग और सिख साम्राज्य का हिस्सा था।
- पहले एंग्लो-सिख युद्ध में सिख साम्राज्य की हार के बाद जम्मू और कश्मीर ब्रिटिश राज के अधीन सबसे बड़ी रियासत बन गया।
गुलाब सिंह की भूमिका:
- पहले एंग्लो-सिख युद्ध के दौरान, गुलाब सिंह ने ब्रिटिशों का साथ दिया।
- युद्ध में उनकी भूमिका के कारण, उन्हें सिख साम्राज्य का प्रधानमंत्री बनाया गया।
अमृतसर की संधि (१८४६):
- इस संधि ने सिखों से ब्रिटिशों को कश्मीर की सभी जमीनों के हस्तांतरण को औपचारिक रूप दिया।
- इस संधि के माध्यम से, गुलाब सिंह को जम्मू और कश्मीर की रियासत मिली।
महाराजा गुलाब सिंह की विरासत:
- महाराजा गुलाब सिंह ने एक शक्तिशाली और स्थिर रियासत की नींव रखी।
- उन्होंने जम्मू और कश्मीर में व्यापक विकास कार्यक्रम शुरू किए।
- उनकी विरासत आज भी जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
उनके जीवन के बारे में अधिक जानकारी:
- महाराजा गुलाब सिंह का जन्म १७९२ में जम्मू के एक राजपूत परिवार में हुआ था।
- उन्होंने सिख साम्राज्य में एक सैन्य अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया।
- ब्रिटिशों के साथ अपने संबंधों के कारण, वे सिख साम्राज्य के एक शक्तिशाली व्यक्ति बन गए।
- १८४६ में, उन्होंने जम्मू और कश्मीर की रियासत की स्थापना की।
- उनका शासनकाल १८५७ में उनकी मृत्यु तक जारी रहा।
निष्कर्ष:
महाराजा गुलाब सिंह जम्मू और कश्मीर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। उन्होंने एक नई रियासत की स्थापना की और इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी विरासत आज भी जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।
Maharaja Gulab Singh Jamwal (1792–1857) was the founder of Dogra dynasty and the first Maharaja of the princely state of Jammu and Kashmir, which was a part of Panjab and Sikh Empire became the largest princely state under the British Raj, which was created after the defeat of the Sikh Empire in the First Anglo-Sikh War. During the war, Gulab Singh would later side with the British and end up becoming the Prime Minister of Sikh Empire. The Treaty of Amritsar (1846) formalised the transfer of all the lands in Kashmir that were ceded to them by the Sikhs by the Treaty of Lahore.