Five_virtues

पाँच गुण

Five virtues

(In Sikhism, fundamental qualities which one should develop in order to reunite with God)

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सिख धर्म में पांच गुण: भगवान से मिलन का मार्ग

सिख धर्म में, पांच गुण ऐसे मूलभूत गुण हैं जिन्हें विकसित करके व्यक्ति Mukti (मुक्ति) प्राप्त कर सकता है, यानी भगवान से मिलन या विलय। सिख गुरुओं ने सिखाया कि ये सकारात्मक मानवीय गुण हैं:

  • Sat (सत्य): सत्य का मार्ग पर चलना, झूठ और छल से दूर रहना।
  • Daya (दया): सभी जीवों के प्रति करुणा और दया भाव रखना, दुखियों की सहायता करना।
  • Santokh (संतोष): जीवन में जो कुछ भी है उससे संतुष्ट रहना, लालच और लोभ से दूर रहना।
  • Nimrata (नम्रता): अहंकार और घमंड से मुक्त रहना, दूसरों के प्रति सम्मान और विनम्रता रखना।
  • Pyaar (प्यार): सभी जीवों के प्रति प्रेम और स्नेह रखना, नफरत और द्वेष से मुक्त रहना।

यह पांच गुण व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊँचाइयों तक पहुँचाते हैं और भगवान से मिलन का मार्ग प्रशस्त करते हैं।


In Sikhism, the Five virtues are fundamental qualities which one should develop in order to reach Mukti, or to reunite or merge with God. The Sikh Gurus taught that these positive human qualities were Sat (truth), Daya (compassion), Santokh (contentment), Nimrata (humility), and Pyaar (love).



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