
दत्तात्रेय
Bhuvaneshvari
(Hindu goddess)
Summary
भुवनेश्वरी: दस महाविद्याओं में से एक
भुवनेश्वरी (IAST: भुवनेश्वरी, Bhuvaneśvarī) एक हिंदू देवी हैं। शक्तिवाद में दस महाविद्या देवियों में से वे चौथी हैं, और महादेवी के सर्वोच्च रूपों में से एक हैं। देवी भागवत पुराण में उन्हें आदि पराशक्ति के रूप में पहचाना जाता है।
महाविद्या शब्द का अर्थ है "महान ज्ञान" या "महान शक्ति"। ये देवियाँ शक्ति के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं, और सभी ब्रह्मांड का प्रतिनिधित्व करने वाली देवी दुर्गा के विभिन्न पहलू हैं।
भुवनेश्वरी को ब्रह्मांड की रचना, पालन और विनाश करने वाली शक्ति के रूप में पूजा जाता है। वे समृद्धि, ज्ञान, धन और सौभाग्य की देवी भी हैं।
भुवनेश्वरी की पूजा विभिन्न तरीकों से की जाती है। कुछ लोग उन्हें अपने घरों में मंदिर बनाकर पूजते हैं, जबकि अन्य लोग मंदिरों में जाकर उनकी पूजा करते हैं। उनकी पूजा के लिए कई मंत्र और तंत्र विधियाँ भी हैं।
भुवनेश्वरी की पूजा करने से ज्ञान, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। वे अपने भक्तों को सभी दुखों से मुक्ति दिलाती हैं और उन्हें जीवन में सफलता दिलाने में मदद करती हैं।
भुवनेश्वरी का रूप अत्यंत शक्तिशाली और भव्य होता है। उनका वर्ण नीला होता है, और वे चार हाथों वाली होती हैं। उनके हाथों में कमल, चक्र, त्रिशूल, और वरमुद्रा होती है। वे सिंह पर सवार होती हैं, जो साहस और शक्ति का प्रतीक है।
भुवनेश्वरी की पूजा करने से, लोग ज्ञान, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं। वे अपने भक्तों को सभी दुखों से मुक्ति दिलाती हैं और उन्हें जीवन में सफलता दिलाने में मदद करती हैं।