Rebirth_(Buddhism)

पुनर्जन्म (बौद्ध धर्म)

Rebirth (Buddhism)

(Teaching in Buddhism)

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पुनर्जन्म: बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत (Rebirth: An Important Principle of Buddhism)

यह लेख बौद्ध धर्म में पुनर्जन्म की अवधारणा को विस्तार से समझाता है।

पुनर्जन्म क्या है?

बौद्ध धर्म में, "पुनर्जन्म" का अर्थ है मृत्यु के बाद एक नए जीवन की शुरुआत। यह एक अनवरत चक्र है जिसे संसार कहा जाता है। यह चक्र दुःख यानि कष्ट और असंतोष से भरा हुआ माना जाता है।

पुनर्जन्म का कारण:

बौद्ध धर्म के अनुसार, पुनर्जन्म का कारण कर्म है। अच्छे कर्म (कुशल कर्म) से अच्छे जीवन की प्राप्ति होती है जबकि बुरे कर्म (अकुशल कर्म) से बुरे जीवन की प्राप्ति होती है।

पुनर्जन्म के छह लोकों:

बौद्ध धर्म में छह लोकों का वर्णन मिलता है जहाँ पुनर्जन्म हो सकता है:

  1. देवलोक: देवताओं का लोक
  2. असुरलोक: राक्षसों का लोक
  3. मनुष्यलोक: मनुष्यों का लोक
  4. तिर्यंचलोक: पशुओं का लोक
  5. प्रेतलोक: भूखे प्रेतों का लोक
  6. नरकलोक: नरक का लोक

पुनर्जन्म से मुक्ति:

बौद्ध धर्म का अंतिम लक्ष्य निर्वाण की प्राप्ति है, जो कि संसार के चक्र से मुक्ति का मार्ग है। निर्वाण की प्राप्ति आत्मज्ञान और तृष्णाओं के नाश से होती है।

पुनर्जन्म और अनात्मन:

बौद्ध धर्म में आत्मा की अवधारणा को नकारा गया है। अनात्मन का अर्थ है आत्मा का न होना। यह एक जटिल विषय है कि जब आत्मा ही नहीं होती तो पुनर्जन्म किसका होता है। विभिन्न बौद्ध परंपराओं ने इस प्रश्न का उत्तर अलग-अलग तरीकों से दिया है।

विभिन्न बौद्ध परंपराओं के विचार:

  • कुछ परंपराएं मानती हैं कि विज्ञान (चेतना) एक धारा की तरह निरंतर बहती रहती है और पुनर्जन्म लेती है।
  • थेरवाद जैसी परंपराओं का मानना है कि पुनर्जन्म तुरंत होता है और कोई भी वस्तु (चेतना भी नहीं) एक जीवन से दूसरे जीवन में स्थानांतरित नहीं होती है।
  • तिब्बती बौद्ध धर्म जैसी परंपराएं मृत्यु और पुनर्जन्म के बीच एक अंतरिम अवस्था (बर्दो) की बात करती हैं, जो 49 दिनों तक रह सकती है।

निष्कर्ष:

पुनर्जन्म बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है जो कर्म, नैतिकता और मुक्ति के मार्ग को समझने में मदद करता है।


Rebirth in Buddhism refers to the teaching that the actions of a sentient being lead to a new existence after death, in an endless cycle called saṃsāra. This cycle is considered to be dukkha, unsatisfactory and painful. The cycle stops only if Nirvana (liberation) is achieved by insight and the extinguishing of craving. Rebirth is one of the foundational doctrines of Buddhism, along with karma and Nirvana. Rebirth was a key teaching of early Buddhism along with the doctrine of karma. In Early Buddhist Sources, the Buddha claims to have knowledge of his many past lives. Rebirth and other concepts of the afterlife have been interpreted in different ways by different Buddhist traditions.



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