
जलालाबाद की घेराबंदी (1710)
Siege of Jalalabad (1710)
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Summary
जलालाबाद की घेराबंदी: 1710 में बंडा सिंह बहादुर और मुगलों के बीच लड़ाई
1710 में, जलालाबाद शहर में मुगल सेना और सिख योद्धा बंडा सिंह बहादुर के बीच एक भीषण युद्ध हुआ। बंडा सिंह बहादुर ने मुगलों के कब्जे वाले जलालाबाद किले पर हमला किया था।
बंडा सिंह के सामने मुगल सेना में कई ज़मींदार और शूरफ़ा शामिल थे, जिनमें कई सदात भी थे। मुगलों का इरादा बंडा सिंह को हराकर उनके बढ़ते प्रभाव को रोकना था। बंडा सिंह बहादुर की सेना, जो सिख योद्धाओं और आसपास के क्षेत्रों से आए लोगों से बनी थी, ने चार दिनों तक मुगलों और पठानों के खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ी।
बंडा सिंह की सेना ने मुगल सेना को युद्धभूमि से भगाकर वापस शहर में धकेल दिया। लेकिन बंडा सिंह जलालाबाद शहर को अपने कब्जे में लेने में नाकाम रहे और अंततः अपनी सेना के साथ पीछे हट गए।
इस युद्ध के कई कारण थे:
- बंडा सिंह बहादुर, अपनी सिख सेना के साथ, पंजाब में मुगलों के अत्याचारों का सामना कर रहे थे।
- बंडा सिंह ने मुगल साम्राज्य को चुनौती दी और अपने शासन को मजबूत बनाने के लिए कई इलाकों पर कब्जा किया।
- जलालाबाद, पंजाब के रास्ते पर स्थित एक महत्वपूर्ण किला था और बंडा सिंह के लिए यह शहर अपने नियंत्रण में होना ज़रूरी था।
इस युद्ध का नतीजा:
- जलालाबाद मुगल के कब्जे में रहा।
- बंडा सिंह की सेना को वापस हटना पड़ा।
- यह लड़ाई बंडा सिंह और मुगलों के बीच चल रहे संघर्ष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि जलालाबाद की घेराबंदी, बंडा सिंह बहादुर के जीवन में एक महत्वपूर्ण लड़ाई थी। यह लड़ाई बंडा सिंह के शासन को स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण कदम थी, लेकिन यह भी दिखाता है कि मुगलों के खिलाफ उनकी लड़ाई कितनी कठिन थी।