
संस्कृत बौद्ध साहित्य
Sanskrit Buddhist literature
(Buddhist texts composed in Sanskrit)
Summary
संस्कृत बौद्ध साहित्य: एक विस्तृत विवरण
संस्कृत बौद्ध साहित्य में वे बौद्ध ग्रंथ शामिल हैं जो शास्त्रीय संस्कृत, "बौद्ध संकर संस्कृत" (जिसे "बौद्धिक संस्कृत" या "मिश्रित संस्कृत" भी कहा जाता है), या इन दोनों का मिश्रण, में लिखे गए हैं।
- सर्वास्तिवāda जैसे कई गैर-महायान निकायों ने अपने कैनन को संस्कृत में रखा था।
- महायान सूत्र और शास्त्र भी बौद्धिक संस्कृत या मानक संस्कृत में उपलब्ध हैं।
भारतीय तांत्रिक युग (8वीं से 14वीं शताब्दी) के दौरान, कई बौद्ध तंत्र संस्कृत में लिखे गए थे, जिनमें कभी-कभी अपभ्रंश जैसी स्थानीय भाषाएँ भी शामिल थीं। इन तंत्रों में व्याकरण और छंद में कुछ अनियमितताएँ भी देखने को मिलती हैं।
भारतीय बौद्ध लेखकों ने बौद्ध दर्शन, तर्क-ज्ञानमीमांसा, जातक कथाएँ, महाकाव्य कविता और अन्य विषयों पर संस्कृत साहित्यिक कृतियाँ भी लिखीं। संस्कृत बौद्ध साहित्य इसलिए विस्तृत और विविध है, हालाँकि कई ग्रंथों के नष्ट होने के कारण इसे पूरी तरह से समझना मुश्किल है।
- कई महत्वपूर्ण बौद्ध संस्कृत ग्रंथों के तिब्बती और चीनी अनुवाद उपलब्ध हैं, लेकिन कई मूल संस्कृत पांडुलिपियाँ भी आज भी विभिन्न आधुनिक संग्रहों में सुरक्षित हैं।
बौद्धों ने विभिन्न विषयों जैसे व्याकरण (व्याकरण), कविता (काव्य) और चिकित्सा (आयुर्वेद) पर धर्मनिरपेक्ष रचनाएँ भी लिखीं।