Jainism_in_Goa

गोवा में जैन धर्म

Jainism in Goa

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गोवा में जैन धर्म (Jainism in Goa - Detailed explanation in Hindi)

यह लेख गोवा में जैन धर्म के इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

कदंब वंश का शासनकाल (Kadamba Dynasty Rule):

  • गोवा में जैन धर्म का विकास कर्नाटक के कदंब वंश के शासनकाल में हुआ था।
  • नारोआ के जैनकोट में एक प्राचीन जैन मंदिर में जैन तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ की खंडित मूर्तियाँ मिली हैं, जो गोवा के कदंब शासक शिवाचित्त परमदी देव के काल की हैं।

हजार साल बाद जैन साधु का आगमन (Jain Ascetic's Arrival After a Millenium):

  • दिगंबर जैन साधु, प्रणामसागर, ने 2015 में गोवा का दौरा किया और 150 नए अनुयायियों को दीक्षा दी।
  • यह एक हज़ार साल में पहली बार था जब किसी जैन साधु ने राज्य में पैर रखा था।
  • इसके बाद, यह राज्य वर्ष 2015 के लिए उनके चातुर्मास्य का स्थान बना।

निष्कर्ष (Conclusion):

हालांकि गोवा में जैन धर्म का इतिहास समृद्ध रहा है, लेकिन वर्तमान में यह एक अल्पसंख्यक धर्म है। प्रणामसागर के आगमन ने राज्य में जैन धर्म के प्रति कुछ हद तक जागरूकता बढ़ाने में मदद की है।


Jainism flourished in Goa during the rule of Kadamba dynasty of Karnataka. Broken sculptures of the Jain Tirthankara Suparshvanatha, belonging to the period of the Goan Kadamba ruler Shivachitta Permadi Dev, were discovered in an old Jain temple in Jainkot, Naroa.



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