
हरियाणा में जैन धर्म
Jainism in Haryana
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Summary
हरियाणा में जैन धर्म (Jainism in Haryana in Hindi)
यह लेख हरियाणा में जैन धर्म के इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
प्राचीन इतिहास (Ancient History):
हरियाणा में जैन धर्म का इतिहास काफी प्राचीन है। पुरातात्विक खुदाई में राज्य के विभिन्न जिलों से जैन तीर्थंकरों की प्राचीन मूर्तियाँ मिली हैं, जो यहाँ जैन धर्म के प्राचीन अस्तित्व का प्रमाण देती हैं। इन जिलों में शामिल हैं:
- भिवानी: रानीला, चरखी दादरी, बधारा गाँव
- दादरी
- गुड़गांव: फिरोजपुर झिरका
- हिसार: अग्रोहा
- झज्जर: बादली
- कैथल: पुन्डरी
- करनाल: असंध
- कुरुक्षेत्र: पेहोवा
- महेंद्रगढ़: नारनौल
- नूंह: फिरोजपुर झिरका
- पलवल: होडल
- पानीपत: समालखा
- रेवाड़ी
- रोहतक: अस्थल बोहर
- सोनीपत
इन स्थानों से प्राप्त मूर्तियाँ कांस्य और पत्थर से बनी हैं, जो उस समय की कला और शिल्प कौशल को दर्शाती हैं।
अग्रवाल जैन समुदाय (Agrawal Jain Community):
अग्रवाल जैन समुदाय, जो जैन धर्म का एक प्रमुख समुदाय है, अपनी उत्पत्ति हरियाणा के हिसार जिले से मानता है।
प्रमुख जैन तीर्थस्थल (Important Jain Pilgrimage Site):
- गुप्तीसागर धाम तीर्थ (Guptisagar Dham Tirtha): यह हरियाणा के सोनीपत जिले के गन्नौर में स्थित एक प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल है। इसका नाम जैन आचार्य गुप्तीसागर के नाम पर रखा गया है। यह स्थान धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और यहाँ हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
हरियाणा में जैन धर्म का इतिहास समृद्ध और गौरवशाली रहा है। आज भी यहाँ जैन समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और अपनी संस्कृति और परंपराओं का पालन करते हैं।