
ऋषि कम्भोज
Sage Kambhoja
(Sage in Hinduism)
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ऋषि कम्बोज: रामायण का एक महत्वपूर्ण पात्र
रामायण में, ऋषि कम्बोज या कुंभोज को ऋषि अगस्त्य का घनिष्ठ मित्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है। अगस्त्य ऋषि, वशिष्ठ ऋषि के भाई थे और दक्षिणापथ में तपस्या कर रहे थे।
जब राम, लक्ष्मण और सीता वनवास के दौरान दक्षिण की यात्रा कर रहे थे, तो उन्होंने ऋषि कम्बोज के आश्रम का दौरा किया था। कम्बोज ऋषि ने उनका स्वागत किया और उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। राम, लक्ष्मण और सीता, ऋषि कम्बोज के आश्रम से पंचवटी के लिए रवाना हुए, जहाँ बाद में सीता का अपहरण लंका के राजा रावण ने किया था।
कम्बोज ऋषि के बारे में अधिक जानने के लिए:
- ऋषि अगस्त्य के साथ घनिष्ठता: ऋषि कम्बोज और अगस्त्य ऋषि के बीच गहरा मित्रता थी। वे एक-दूसरे के आश्रमों में अक्सर जाया करते थे और धार्मिक और ज्ञान संबंधी बातचीत करते थे।
- दक्षिणापथ में निवास: ऋषि कम्बोज का आश्रम दक्षिणापथ में स्थित था, जो उस समय साधुओं और ऋषियों का महत्वपूर्ण केंद्र था।
- राम और सीता का स्वागत: राम और सीता का ऋषि कम्बोज के आश्रम में स्वागत किया गया था, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण घटना थी। यह दर्शाता है कि ऋषि कम्बोज राम और सीता के प्रति सम्मान और आशीर्वाद रखते थे।
कम्बोज ऋषि, रामायण में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण पात्र हैं जो राम और सीता के वनवास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे एक आदर्श ऋषि, मित्र और दयालु व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं।
Sage Kambhoja or Kumbhoja is a character in the Sanskrit epic Ramayana, presented as a close friend of sage Agasti. Sage Agasti was brother of sage Vasishtha and was living as a hermit in Dakshinapatha. Rama, Lakshmana and Sita had paid visit to the hermitage of sage Kambhoja, from there they had proceeded to Panchavati during their vanwasa period before Sita was abducted by Lankan king Ravana.